भारत के तटों पर खतरे की घंटी, किसी भी समय चक्रवात मोन्था की हो सकती है एंट्री

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में बना गहरा दबाव क्षेत्र आज (27 अक्टूबर) तक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है.

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Courtesy: X (@jhrishi2)

नई दिल्ली: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में बना गहरा दबाव क्षेत्र आज (27 अक्टूबर) तक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. चक्रवात मोन्था मंगलवार तक यह गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है. अगले कुछ दिनों में रायलसीमा, तमिलनाडु, केरल, माहे, तटीय कर्नाटक, तेलंगाना, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है.

चक्रवात हवा का एक शक्तिशाली तंत्र है, जो निम्न दबाव क्षेत्र के इर्द-गिर्द घूमता है. इसमें तेज हवाएं, भारी बारिश और खराब मौसम होता है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अनुसार, चक्रवात की हवाएं उत्तरी गोलार्ध में वामावर्त और दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिणावर्त घूमती हैं. 

क्यों आता है चक्रवात तूफान?

चक्रवात को दुनिया में हरिकेन या टाइफून भी कहते हैं. ये तूफान मकर और कर्क रेखा के बीच बनते हैं. गर्म समुद्री जल से निकलने वाली ऊर्जा इन तूफानों को शक्ति देती है. गर्म पानी से वाष्प बनता है, जो ठंडा होने पर बारिश और तेज हवाओं का कारण बनता है. बंगाल की खाड़ी में चक्रवातों का खतरा अधिक रहता है. इसकी फ़नल जैसी आकृति हवाओं को केंद्रित करती है. तटीय क्षेत्रों की जटिल ज्यामिति, जैसे मुहाना डेल्टा और खाड़ियां, तूफानी लहरों को और खतरनाक बनाती हैं.

गर्म समुद्री जल चक्रवातों को ताकत देता है. बंगाल की खाड़ी का पानी अरब सागर की तुलना में गर्म होता है, जिससे यहां चक्रवात अधिक शक्तिशाली होते हैं. जलवायु परिवर्तन के कारण अब पश्चिमी तट पर भी चक्रवातों की संख्या बढ़ रही है. अक्टूबर में चक्रवाती विक्षोभ आम हैं, जो दक्षिण चीन सागर से बंगाल की खाड़ी में आते हैं. 

क्यों चक्रवातों का होता है नामकरण?

चक्रवातों का नामकरण विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और एशिया-प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (ESCAP) द्वारा किया जाता है. इसमें भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार जैसे 13 देश शामिल हैं. प्रत्येक देश 13 नाम सुझाता है, जिन्हें चक्रीय आधार पर इस्तेमाल किया जाता है.

नामकरण से चक्रवातों की पहचान आसान होती है. यह जनता, मीडिया और आपदा प्रबंधन एजेंसियों को जागरूक करने में मदद करता है. नाम तटस्थ होते हैं और राजनीति या धार्मिक भावनाओं से दूर रखे जाते हैं. 'मोन्था' नाम भी इसी सूची से लिया गया है. IMD ने लोगों से सतर्क रहने और मौसम अपडेट्स पर नजर रखने की सलाह दी है. तटीय क्षेत्रों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की तैयारी करनी चाहिए.