होर्मुज जलडमरूमध्य में तनाव, 24 घंटे में छह सुपर टैंकर ने लिया यू-टर्न

होर्मुज जलडमरूमध्य में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने वैश्विक तेल व्यापार को हिलाकर रख दिया है. टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में छह सुपरटैंकर, जो कच्चा तेल ढो रहे थे, ने इस रणनीतिक जलमार्ग में यू-टर्न लिया.

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Supertanker U-turn: होर्मुज जलडमरूमध्य में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने वैश्विक तेल व्यापार को हिलाकर रख दिया है. टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में छह सुपरटैंकर, जो कच्चा तेल ढो रहे थे, ने इस रणनीतिक जलमार्ग में यू-टर्न लिया. यह घटना ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव का परिणाम मानी जा रही है.  

क्या है वजह?

होर्मुज जलडमरूमध्य, जो फारस की खाड़ी को अरब सागर से जोड़ता है, दुनिया के 20% कच्चे तेल का परिवहन करता है. हाल ही में ईरान की संसद ने इस जलमार्ग को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया, जिसके बाद क्षेत्र में तनाव चरम पर पहुंच गया.

टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, कॉसविजडम लेक और साउथ लॉयल्टी जैसे सुपरटैंकरों ने संघर्ष के खतरे के कारण अपने रास्ते बदल लिए. 

भविष्य की चुनौतियां

भारत, जो अपनी 85% तेल आवश्यकताओं के लिए आयात पर निर्भर है, इस घटना से प्रभावित हो सकता है. हालांकि, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आश्वासन दिया कि भारत ने रूस, अमेरिका और ब्राजील जैसे वैकल्पिक स्रोतों से तेल आयात बढ़ाया है, जिससे होर्मुज पर निर्भरता कम हुई है.

फिर भी, विशेषज्ञों का मानना है कि तेल की कीमतों में 30-50% की वृद्धि संभव है, जिससे भारत में महंगाई बढ़ सकती है. होर्मुज जलडमरूमध्य में नौवहन की अनिश्चितता से वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट और शिपिंग लागत में वृद्धि हो सकती है. भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए सतर्क है और स्थिति पर नजर रख रहा है.