NRI Remittance: हाल ही में 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट' के नवीनतम ड्राफ्ट में रेमिटेंस टैक्स को 3.5% से घटाकर मात्र 1% कर दिया गया है.
पहले इस बिल में 5% टैक्स का प्रस्ताव था, जिसे बाद में 3.5% किया गया और अब सीनेट के नए संस्करण में इसे और कम कर 1% कर दिया गया है. इस बदलाव से भारत में पैसा भेजना अब पहले से कहीं अधिक किफायती और आसान होगा.
नया टैक्स नियम: कब और कैसे लागू होगा?
नए नियमों के अनुसार, यह 1% टैक्स 31 दिसंबर 2025 के बाद कुछ विशेष ट्रांसफर्स पर लागू होगा. खास बात यह है कि बैंक खातों या वित्तीय संस्थानों के माध्यम से किए गए ट्रांसफर्स और अमेरिका में जारी डेबिट या क्रेडिट कार्ड से किए गए भुगतानों पर यह टैक्स नहीं लगेगा. इससे रोजमर्रा के अधिकांश रेमिटेंस टैक्स के दायरे से बाहर रहेंगे, जिससे एनआरआई को काफी राहत मिलेगी.
भारत पर क्या होगा असर?
अमेरिका में बसे 29 लाख से अधिक भारतीय, जो वहां की दूसरी सबसे बड़ी विदेशी आबादी हैं, भारत में परिवार की मदद या निवेश के लिए नियमित रूप से पैसा भेजते हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका से भारत को लगभग 32 बिलियन डॉलर का रेमिटेंस प्राप्त हुआ, जो कुल रेमिटेंस का 27.7% है. कम टैक्स से एनआरआई को वित्तीय बोझ कम होगा, जिससे वे अधिक धनराशि भारत भेज सकेंगे.
किसे देना होगा टैक्स?
यह टैक्स गैर-नागरिकों, जैसे उच्च कुशल पेशेवरों, छात्रों, और ग्रीन कार्ड धारकों पर लागू होगा. उदाहरण के लिए, यदि कोई छात्र पार्ट-टाइम नौकरी या इंटर्नशिप से कमाए गए पैसे भारत भेजता है, तो उस पर यह टैक्स लग सकता है. यह एनआरई खातों में जमा, रियल एस्टेट खरीद, या कॉरपोरेट मोबिलिटी प्रोग्राम्स को भी प्रभावित कर सकता है.
1% टैक्स से रेमिटेंस का खर्च कम होगा, जिससे परिवार की मदद या निवेश के लिए पैसा भेजना आसान होगा. एनआरआई को अपने वित्तीय योजनाओं की समीक्षा के लिए पर्याप्त समय भी मिलेगा. कुल मिलाकर, यह कदम अमेरिका से भारत पैसा भेजने की प्रक्रिया को और सुगम बनाएगा.