SCO Summit 2025: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का सबसे भव्य शिखर सम्मेलन 31 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक उत्तरी चीन के तियानजिन शहर में आयोजित होने जा रहा है. यह आयोजन न केवल राजनयिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि तकनीकी नवाचार और सांस्कृतिक प्रदर्शन के लिए भी चर्चा में है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान दौरे के बाद तियानजिन पहुंच चुके हैं, जहां वे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित कई वैश्विक नेताओं से मुलाकात करेंगे.
मेहमाननवाजी का नया चेहरा
इस बार SCO समिट की सबसे बड़ी खासियत है AI-संचालित मानवरूपी रोबोट शियाओ हे. यह रोबोट मेहमानों का स्वागत करने से लेकर उन्हें उनकी सीट तक पहुंचाने तक का काम करेगा. शियाओ हे ने एएनआई से बातचीत में बताया, "मैं SCO शिखर सम्मेलन के लिए डिज़ाइन किया गया एक विशेष AI असिस्टेंट हूँ. मेरा उद्देश्य विभिन्न भाषाओं में सहायता प्रदान करना और त्वरित जानकारी उपलब्ध कराना है."
यह रोबोट उन्नत तकनीक से लैस है, जो मेहमानों के हाव-भाव को समझकर उनके अनुरूप जवाब देता है, जिससे मेहमाननवाजी में एक नया आयाम जुड़ गया है.
चीनी संस्कृति की झलक
सम्मेलन में तकनीक के साथ-साथ चीनी संस्कृति का भी अनूठा प्रदर्शन होगा. तियानजिन यांगलिउकिंग वुडब्लॉक प्रिंट्स और अन्य पारंपरिक कलाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक विशेष "सांस्कृतिक विरासत ज़ोन" बनाया गया है.
ये प्रदर्शन वैश्विक नेताओं को चीनी कला और परंपराओं से रूबरू कराएंगे, जिससे सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ावा मिलेगा. तियानजिन की समृद्ध पाक संस्कृति भी मेहमानों को आकर्षित करेगी, जिसमें गौबुली बाओज़ी और जियानबिंग जैसे व्यंजन शामिल हैं.
एशिया का शक्तिशाली मंच
बेलारूस, अफगानिस्तान और मंगोलिया इसके पर्यवेक्षक देश हैं. यह संगठन क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है. इस समिट में आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान में प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा से मुलाकात के बाद तियानजिन में SCO समिट में हिस्सा लिया. उनकी शी जिनपिंग और पुतिन के साथ होने वाली द्विपक्षीय वार्ताएं भारत-चीन और भारत-रूस संबंधों को मजबूती प्रदान करेंगी. इन चर्चाओं में सीमा विवाद, व्यापार और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे.