पंजाब में औद्योगिक क्रांति की नई उड़ान! ₹438 करोड़ का 'मेक इन पंजाब' निवेश, 1,250 युवाओं के सपनों को मिलेगी नई दिशा

Punjab Industrial Investment: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब अब केवल कृषि प्रधान राज्य नहीं, बल्कि औद्योगिक विकास का नया केंद्र बनता जा रहा है. राज्य सरकार की उद्योग-अनुकूल नीतियों और ‘मेक इन पंजाब’ दृष्टिकोण ने निवेशकों का भरोसा मज़बूत किया है.

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Punjab Industrial Investment: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब अब केवल कृषि प्रधान राज्य नहीं, बल्कि औद्योगिक विकास का नया केंद्र बनता जा रहा है. राज्य सरकार की उद्योग-अनुकूल नीतियों और ‘मेक इन पंजाब’ दृष्टिकोण ने निवेशकों का भरोसा मज़बूत किया है. इसी कड़ी में लुधियाना स्थित हैप्पी फोर्जिंग्स लिमिटेड (HFL) ने ₹438 करोड़ के ग्रीनफील्ड निवेश की घोषणा की है, जिससे राज्य में 1,250 नई नौकरियाँ सृजित होंगी.

पंजाब की औद्योगिक ताकत का प्रतीक

लुधियाना की मशहूर कंपनी हैप्पी फोर्जिंग्स लिमिटेड (HFL) का यह निवेश राज्य की बढ़ती औद्योगिक क्षमता को दर्शाता है. कंपनी ने घोषणा की है कि वह ऑटो और वाहन पुर्जों के उत्पादन के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एक नया कारखाना स्थापित कर रही है. यह प्रोजेक्ट न केवल लुधियाना को वैश्विक सप्लाई चेन से जोड़ेगा, बल्कि पंजाब को भारत के अग्रणी ऑटो पार्ट्स हब के रूप में स्थापित करेगा.

यह निवेश HFL की दीर्घकालिक विकास योजना का हिस्सा है, जिसके तहत कंपनी ने भविष्य में ₹1,000 करोड़ का चरणबद्ध निवेश करने का लक्ष्य रखा है. उद्योग मंत्री संजीव अरोड़ा के अनुसार, इस निवेश से 2,000 से अधिक रोजगार अवसर उत्पन्न होंगे और पंजाब को उच्च तकनीकी उद्योगों की नई पहचान मिलेगी.

HFL की विकास यात्रा

1979 में परितोष कुमार गर्ग द्वारा स्थापित HFL ने एक छोटे पैमाने के साइकिल पैडल निर्माण इकाई के रूप में शुरुआत की थी. लेकिन समय के साथ कंपनी ने निरंतर नवाचार और गुणवत्ता के बल पर अपनी पहचान भारत की चौथी सबसे बड़ी फोर्जिंग कंपनी के रूप में बनाई है.

लुधियाना के कांगनवाल रोड पर स्थित HFL का मुख्यालय आधुनिक उत्पादन सुविधाओं से लैस है. कंपनी फोर्जिंग, मशीनिंग, जॉइनिंग, हीट ट्रीटमेंट और क्वालिटी टेस्टिंग की पूरी प्रक्रिया एक ही परिसर में करती है. HFL देश-विदेश की बड़ी कंपनियों — जैसे अशोक लेलैंड, महिंद्रा, आइशर, जेसीबी इंडिया — को अपने ऑटो पार्ट्स की सप्लाई करती है.

ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट से आएगी हाई-टेक क्रांति

HFL का ₹438 करोड़ का निवेश एक ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है. इस नए संयंत्र में CAD/CAM डिज़ाइन टूल्स, प्लाज़्मा और लेज़र कटिंग मशीनें, तथा CNC मशीनिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग होगा. यहाँ उच्च शक्ति वाले डीज़ल इंजनों के क्रैंकशाफ्ट तैयार किए जाएंगे — जिस क्षेत्र में HFL भारत की दूसरी सबसे बड़ी निर्माता कंपनी है.

यह परियोजना 2019 में शुरू हुई थी और 2025-26 तक पूरी तरह क्रियान्वित होने की उम्मीद है. कंपनी की 2019 की ₹550 करोड़ की विस्तार योजना का यह हिस्सा है, जिससे HFL अपनी उत्पादन क्षमता को लगभग दोगुना करने जा रही है.

भारत का मैनचेस्टर और अब ऑटो हब

लुधियाना पहले से ही ‘भारत का मैनचेस्टर’ कहलाता है, और अब यह देश के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में शामिल हो रहा है. यहाँ 500 से अधिक ऑटो सहायक इकाइयाँ सक्रिय हैं जो ट्रैक्टर, टू-व्हीलर, कमर्शियल वाहनों और इलेक्ट्रिक गाड़ियों (EV) के लिए पुर्ज़े बनाती हैं.

पंजाब में ऑटो पार्ट्स उद्योग का राज्य की कुल औद्योगिक इकाइयों में 15% हिस्सा है. वर्ष 2022 से अब तक राज्य में ₹50,000 करोड़ से अधिक का निवेश आ चुका है, जिसमें ऑटो क्षेत्र अग्रणी रहा है. HFL का नया निवेश इस औद्योगिक उछाल में एक बड़ा कदम है.

₹1,000 करोड़ का चरणबद्ध निवेश

सितंबर 2025 में उद्योग मंत्री संजीव अरोड़ा ने बताया था कि HFL आने वाले वर्षों में ₹1,000 करोड़ का निवेश करेगी. इसमें से ₹650 करोड़ का हिस्सा भारी और औद्योगिक पुर्जों के निर्माण के लिए होगा — जैसे बड़े क्रैंकशाफ्ट, एक्सल, गियर, ऑयल और गैस वाल्व — जो ऊर्जा, खनन, रक्षा और विमानन क्षेत्रों में इस्तेमाल होंगे.

इनमें से कुछ पुर्ज़े 3,000 किलोग्राम तक वज़नी होंगे, जो एशिया की सबसे आधुनिक तकनीक का उदाहरण है. HFL ने एक विदेशी कंपनी से हर वर्ष ₹95 करोड़ के पुर्ज़ों की सप्लाई का समझौता किया है, जिसकी टेस्टिंग 2027 से शुरू होगी.

रोज़गार और कौशल विकास को बढ़ावा

HFL का यह निवेश न केवल उद्योग को नई ऊर्जा देगा बल्कि युवाओं के लिए नए अवसर भी खोलेगा. लगभग 1,250 इंजीनियरिंग, मशीनिंग और क्वालिटी चेकिंग से जुड़ी नौकरियाँ उपलब्ध होंगी. साथ ही, यह प्रोजेक्ट स्थानीय लॉजिस्टिक्स, सप्लाई चेन और तकनीकी प्रशिक्षण जैसे सहायक क्षेत्रों को भी मज़बूती देगा.

राज्य सरकार ने ITI और इंजीनियरिंग कॉलेजों को उद्योगों से जोड़ने पर विशेष ज़ोर दिया है ताकि युवाओं को आधुनिक तकनीकी कौशल मिल सके.

HFL का प्रदर्शन और वैश्विक विस्तार

वर्तमान में HFL के पास 4,000 कर्मचारी हैं और इसका मौजूदा निवेश ₹1,500 करोड़ है. 2023 में कंपनी की फोर्जिंग क्षमता 1,07,000 टन और मशीनिंग क्षमता 46,100 टन थी. कंपनी की औसत उपयोग दर क्रमशः 63% और 79% रही. पिछले पाँच वर्षों में HFL ने 20% की वार्षिक राजस्व वृद्धि दर्ज की है, जो ट्रैक्टर, रेलवे, अर्थमूविंग और EV सेक्टर की मांग से प्रेरित है.

HFL अमेरिका और यूरोप की बड़ी कंपनियों को पुर्ज़ों की सप्लाई करती है और जल्द ही USFDA प्रमाणन प्राप्त करने जा रही है, जिससे उसके एक्सपोर्ट में तेज़ी आने की संभावना है.

पंजाब सरकार की औद्योगिक नीतियाँ: निवेशकों के लिए भरोसे का माहौल

पंजाब सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कारोबार को आसान बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं.

  1. जमीन के नियमों और डेवलपमेंट चार्ज पर छूट
  2. फास्टट्रैक पंजाब पोर्टल के माध्यम से एकल खिड़की मंजूरी
  3. छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए ₹200 करोड़ का रिसर्च एंड इनोवेशन फंड
  4. और EV एवं ऑटो पार्ट्स प्रशिक्षण के लिए ₹10 करोड़ का प्रावधान
  5. इन पहलों के चलते राज्य में निवेशकों का भरोसा मज़बूत हुआ है.

सरकार और उद्योग जगत की प्रतिक्रियाएँ

उद्योग मंत्री संजीव अरोड़ा ने कहा, “पंजाब अब सिर्फ खेती का गढ़ नहीं, बल्कि कारखानों का नया सितारा बन चुका है. हैप्पी फोर्जिंग्स का ₹438 करोड़ का निवेश और उसका ₹1,000 करोड़ का बड़ा प्लान पंजाब को हाई-टेक उद्योगों का पसंदीदा ठिकाना बनाएगा. हमारी सरकार ने कारोबार को आसान बनाया है, जिससे निवेशक भरोसा जता रहे हैं. यह 1,250 नई नौकरियाँ पंजाब के युवाओं को आर्थिक और तकनीकी सशक्तिकरण देंगी.”

सरकार के प्रवक्ता ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि पंजाब के हर युवा को रोजगार मिले. HFL जैसे बड़े निवेश दिखाते हैं कि पंजाब उद्योग और नवाचार का केंद्र बन रहा है. हम हर निवेशक को समय पर सुविधा और सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”

प्रोग्रेसिव पंजाब इन्वेस्टर्स समिट 2026

राज्य सरकार 13-15 मार्च 2026 को मोहाली में प्रोग्रेसिव पंजाब इन्वेस्टर्स समिट आयोजित करने जा रही है, जिसमें हरी ऊर्जा, ऑटोमेशन और EV तकनीक में ₹20,000 करोड़ तक के निवेश लक्ष्य रखे गए हैं. इस पहल से पंजाब न केवल आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि भारत की नई औद्योगिक क्रांति का अग्रणी राज्य भी बनेगा.

पंजाब में हैप्पी फोर्जिंग्स का ₹438 करोड़ का निवेश सिर्फ एक औद्योगिक परियोजना नहीं, बल्कि एक नई आर्थिक कहानी की शुरुआत है. इससे पंजाब की पहचान खेतों से आगे बढ़कर इंजीनियरिंग और तकनीक की भूमि के रूप में बनेगी. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य “मेक इन पंजाब” के विज़न के साथ ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता का प्रतीक बनता जा रहा है.