Punjab Floods 2025: पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ ने लाखों एकड़ खेती योग्य जमीन और फसलें बर्बाद कर दीं, लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने संकट के समय किसानों और प्रभावित परिवारों के साथ खड़े रहने का अद्वितीय उदाहरण पेश किया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान की पहल पर सरकार ने न केवल तुरंत गिरदावरी प्रक्रिया शुरू की, बल्कि रिकॉर्ड समय में किसानों को मुआवजा देकर यह साबित कर दिया कि पंजाब सरकार केवल घोषणाएं नहीं करती, बल्कि उन्हें जमीन पर लागू भी करती है.
केवल 30 दिनों में मुआवजा
11 सितंबर को विशेष गिरदावरी की घोषणा की गई थी, और इसे 45 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया था. लेकिन सरकार ने अपने लक्ष्य से आगे बढ़ते हुए केवल 30 दिनों में मुआवजा वितरण शुरू कर दिया. पंजाब में 2,508 गांवों में फसल का नुकसान हुआ, लगभग 3.5 लाख एकड़ जमीन बर्बाद हुई, लेकिन राज्य सरकार ने किसी देरी के बिना किसानों को ₹20,000 प्रति एकड़ मुआवजा देना शुरू कर दिया. यह अब तक का सबसे बड़ा और सबसे तेज़ राहत अभियान माना जा रहा है.
केंद्र सरकार से सहायता की अपील के बावजूद कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिलने पर भी पंजाब सरकार ने अपने संसाधनों से किसानों के लिए अतिरिक्त ₹13,200 का मुआवजा जारी किया. इससे यह स्पष्ट हो गया कि राज्य सरकार किसानों को किसी तीसरे पक्ष पर निर्भर नहीं छोड़ती. मुआवजा राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी गई, जिससे बिचौलियों और विलंब की कोई संभावना नहीं रही.
परिवार संकट में अकेला न रह सके
घरों के नुकसान का सर्वेक्षण भी अत्यंत तेजी से पूरा किया गया. 30,806 घरों का सर्वेक्षण संपन्न हुआ, और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए मुआवजा ₹6,500 से बढ़ाकर ₹40,000 कर दिया गया. जिन परिवारों ने बाढ़ में अपने प्रियजनों को खोया, उन्हें ₹4 लाख की सहायता राशि प्रदान की गई. मवेशियों और पोल्ट्री के नुकसान का मुआवजा भी तय किया गया, ताकि कोई परिवार संकट में अकेला न रह सके.
सभी आकलन और मुआवजा वितरण प्रक्रिया पहली बार एक पारदर्शी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की गई, जिससे प्रत्येक किसान और परिवार तक राहत तुरंत और सही रूप में पहुंच सके. अजनाला क्षेत्र के 52 गांवों में ₹5 करोड़ से अधिक का मुआवजा सीधे प्रभावित किसानों और परिवारों को प्रदान किया गया. सरकार ने हर गांव और हर परिवार तक राहत पहुंचाने के लिए जमीनी स्तर पर टीमों को सक्रिय कर दिया.
‘चढ़दीकला’ के तहत बाढ़ प्रभावित
‘जिसका खेत, उसकी रेत’ नीति के तहत बाढ़ से प्रभावित जमीन को पुनः खेती योग्य बनाने के प्रयास तेज़ी से चल रहे हैं. साथ ही, मिशन ‘चढ़दीकला’ के तहत बाढ़ प्रभावित गांवों को पुनः खड़ा करने का संकल्प लिया गया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट कर दिया कि पंजाब का किसान कभी अकेला नहीं रहेगा और सरकार हर कदम पर उसके साथ है.
जहां विपक्ष बाढ़ पर राजनीतिक बहस में उलझा रहा, वहीं आम आदमी पार्टी सरकार ने राहत और पुनर्वास को प्राथमिकता दी. दिवाली से पहले मुआवजा वितरण ने किसानों में विश्वास और आशा का संचार किया, और यह साबित किया कि पंजाबियत की भावना के साथ काम करने वाली सरकार वादे निभाने में सक्षम है. संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार ने अपने प्रयासों से यह संदेश दिया कि पंजाब और उसके लोग मिलकर हर चुनौती का सामना कर सकते हैं.