Pakistan suicide attack: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तरी वजीरिस्तान जिले में शनिवार को एक भीषण आत्मघाती हमले ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया. इस हमले में पाकिस्तानी सेना के 16 जवान शहीद हो गए, जबकि 10 सैनिकों सहित 29 लोग घायल हुए.
हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन को सैन्य काफिले में घुसा दिया, जिसकी तुलना 2019 में भारत के पुलवामा में हुए आतंकी हमले से की जा रही है. इस विस्फोट ने आसपास के दो घरों की छतें भी ढहा दीं, जिससे छह बच्चों सहित 19 नागरिक घायल हो गए.
पुलवामा हमले से समानता
यह हमला 14 फरवरी 2019 को भारत के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की याद दिलाता है, जिसमें 40 भारतीय जवान शहीद हुए थे. भारत ने इसका जवाब बालाकोट एयरस्ट्राइक के साथ दिया था. अब पाकिस्तान उसी तरह के हमले का शिकार बन रहा है, जिसे उसने कभी प्रायोजित किया था.
टीटीपी के गुट ने ली जिम्मेदारी
हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के सहयोगी गुट उसूद उल हरब ने ली है, जो हाफिज गुल बहादुर समूह से जुड़ा है. यह हमला मीर अली के खादी मार्केट में हुआ, जहां विस्फोटक लदा वाहन सेना के बम निरोधक दस्ते से टकराया.
क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों में हालिया वृद्धि ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. आतंकवाद सूचकांक 2025 के अनुसार, पाकिस्तान में आतंकवाद से संबंधित मौतें 2023 में 748 से बढ़कर 2024 में 1,081 हो गई हैं, जो 45% की वृद्धि दर्शाता है. यह देश अब आतंकवाद से होने वाली मौतों में विश्व में दूसरे स्थान पर है.