PM Modi's visit to Cyprus: इस समय पीएम मोदी साइप्रस के दौरे पर है. जहां उनको साइप्रस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III’ से नवाजा गया. साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिड्स ने निकोसिया के राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में पीएम मोदी को यह सम्मान प्रदान किया.
मोदी ने इसे 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान बताते हुए कहा कि यह हमारी संस्कृति, एकता और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की विचारधारा का गौरव है. यह सम्मान भारत-साइप्रस के मजबूत रिश्तों और मोदी के वैश्विक नेतृत्व का प्रतीक है.
राष्ट्रपति भवन में गर्मजोशी से स्वागत
साइप्रस की धरती पर पीएम मोदी का भव्य स्वागत हुआ. राष्ट्रपति निकोस ने हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की, जो दोनों देशों के गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्तों को दर्शाता है. निकोसिया के राष्ट्रपति भवन में दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें व्यापार, निवेश और रक्षा सहयोग पर चर्चा हुई. भारतीय प्रवासियों ने ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों से मोदी का उत्साहवर्धन किया.
भारत के लिए गर्व का पल
साइप्रस, भले ही नक्शे पर छोटा दिखे, कूटनीति में इसका रणनीतिक महत्व अहम है. 1974 में तुर्की द्वारा साइप्रस के उत्तरी हिस्से पर कब्जे के बाद भारत ने हमेशा साइप्रस की संप्रभुता का समर्थन किया. पीएम मोदी की यह यात्रा तुर्की-पाकिस्तान गठजोड़ को स्पष्ट संदेश देती है.
यह दौरा G7 शिखर सम्मेलन से पहले भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका को रेखांकित करता है. साइप्रस में मोदी की यह उपलब्धि न केवल भारत की कूटनीतिक जीत है, बल्कि तुर्की, पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के लिए एक सबक भी है. भारत की मजबूत विदेश नीति और वैश्विक मंच पर बढ़ता प्रभाव नए भारत की कहानी बयां करता है.