जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति एक बार फिर सुर्खियों में है. कश्मीर फ्रंटियर के IG BSF अशोक यादव ने सोमवार (1 दिसंबर 2025) को प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी बेहद अहम जानकारी साझा की. उनके मुताबिक इस वर्ष नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ की कोशिशों में कमी जरूर आई है, लेकिन खतरा पहले की तुलना में कहीं अधिक बढ़ गया है. वजह है पाकिस्तान की ओर से फिर से एक्टिव किए गए लॉन्च पैड और टेरर कैंप, जहां बड़ी संख्या में आतंकवादियों को घुसपैठ के लिए तैयार किया जा रहा है.
यादव ने कहा कि LoC पर इस समय 69 लॉन्च पैड सक्रिय हैं, जिन पर लगभग 100–120 आतंकी मौके की तलाश में बैठे हैं. BSF की इंटेलिजेंस यूनिट (G-UNIT) इन सभी लॉन्च पैड पर लगातार निगरानी रख रही है. उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि पाकिस्तान की सेना और आतंकियों द्वारा LoC के आसपास संयुक्त रेकी की गतिविधियाँ बढ़ी हैं, जिससे यह साफ है कि घुसपैठ की बड़ी कोशिशें फिर से शुरू हो सकती हैं.
क्या होगा ऑपरेशन सिंदूर-2? BSF के संकेतों से बढ़ी अटकलें
हालांकि IG यादव ने सीधे तौर पर ‘ऑपरेशन सिंदूर-2’ का जिक्र नहीं किया, लेकिन उनके बयान से यह संकेत जरूर मिला कि सुरक्षा बल इसी दिशा में आगे की रणनीति पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की सेना और BSF ने पाकिस्तान के फॉरवर्ड लॉन्च पैड और दुश्मन की कई चौकियों को निशाना बनाकर तबाह किया था. 2025 में हुए इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने कड़ी प्रोफेशनल दक्षता दिखाते हुए आतंकियों की सप्लाई चेन को गहरा नुकसान पहुंचाया.
IG यादव के मुताबिक, आगामी समय में घुसपैठ की संभावित बढ़ती कोशिशों को देखते हुए भारत लगातार LoC पर अपनी आक्रामक और रक्षात्मक दोनों रणनीतियों को मजबूत कर रहा है. यह संकेत इस बात का प्रमाण है कि अगला चरण—जिसे अनौपचारिक रूप से ऑपरेशन सिंदूर-2 माना जा रहा है—आतंकियों की लॉन्चिंग व्यवस्था को और अधिक क्षति पहुंचाने पर केंद्रित हो सकता है.
22 ऑपरेशनों में बड़ी सफलता
IG यादव ने बताया कि 2025 में BSF ने सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर कुल 22 संयुक्त ऑपरेशन किए. इन अभियानों में कई आतंकी मारे गए और हथियारों का भारी जखीरा बरामद किया गया. बरामद सामान में—
शामिल हैं.
यादव ने कहा कि LoC पर करीब 4 घुसपैठ प्रयासों को नाकाम किया गया, जिनमें 8 आतंकवादी ढेर किए गए. यह इस बात का प्रमाण है कि सुरक्षा बल सीमा पर पूरी तरह से हावी हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.
आतंकियों के नए रास्ते
यादव ने चेतावनी दी कि आतंकवादी अब घुसपैठ के लिए नए और अधिक जटिल रास्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके पीछे पाकिस्तान की सेना और आतंकवादी संगठनों की संयुक्त रणनीति काम कर रही है. उन्होंने बताया:
“लगातार इनपुट मिल रहे हैं कि पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठन मिलकर LoC के आसपास नई रेकी कर रहे हैं. लेकिन हमारी सेना और BSF इन सभी इलाकों में मजबूती से मौजूद है, जिससे उनकी हर कोशिश नाकाम हो रही है.”
उन्होंने कहा कि करीब 150 आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश में लगे हुए हैं, लेकिन सुरक्षा बलों की सतर्कता के कारण वह सफल नहीं हो पा रहे.
पहलगाम हमले के बाद बढ़ी सतर्कता
IGP यादव ने कहा कि पहलगाम हमले की घटना के बाद, गुलमर्ग, पहलगाम और अन्य पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. आतंकियों की मंशा पर्यटन को निशाना बनाने की थी, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की त्वरित प्रतिक्रिया से उनकी योजना विफल हो गई.
BSF का मॉर्डनाइजेशन मिशन – भविष्य की लड़ाइयों के लिए तैयार होती फोर्स
यादव ने कहा कि BSF बदलती वैश्विक सेनाओं की रणनीति को देखते हुए खुद को लगातार अपडेट कर रही है. उन्होंने बताया कि—
उन्होंने यह भी कहा कि BSF साइबर खतरों को रोकने के लिए डिजिटल इनिशिएटिव्स पर भी तेजी से काम कर रहा है. ग्वालियर में शुरू हुआ BSF ड्रोन वॉरफेयर स्कूल – BHOOMI पहल का महत्वपूर्ण कदम BSF ने हाल ही में ग्वालियर स्थित अपनी एकेडमी में ड्रोन वॉरफेयर स्कूल शुरू किया है. इस स्कूल में—
की ट्रेनिंग दी जा रही है. यह BHOOMI इनिशिएटिव का एक बड़ा हिस्सा है, जिसका उद्देश्य BSF की अनमैन्ड एरियल कैपेबिलिटी को मजबूत बनाना है.
व्हाइट कॉलर आतंकियों की पहचान—सबसे बड़ी चुनौती
IG यादव ने माना कि आज आतंकवाद का रूप बदल चुका है. अब व्हाइट कॉलर आतंकवादी—
उन्होंने कहा कि दिल्ली ब्लास्ट के बाद टैक्टिक्स में बड़ा बदलाव आया है और अब सुरक्षा बल ऐसे मॉड्यूल्स की पहचान बेहद सावधानी से कर रहे हैं. कुल मिलाकर BSF के खुलासे से स्पष्ट है कि आने वाले महीनों में LoC पर हालात और संवेदनशील हो सकते हैं.
69 लॉन्च पैड्स का एक्टिव होना और 100 से ज्यादा आतंकियों का घुसपैठ के इंतजार में बैठे होना सुरक्षा चुनौतियों को कई गुना बढ़ाता है. ऐसे में ऑपरेशन सिंदूर-2 जैसी तैयारी पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को फिर से करारा जवाब देने की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हो सकती है.