Masood Azhar: भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी सख्त नीति को एक बार फिर साबित किया है. ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. इस अभियान का असर इतना गहरा रहा कि जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने स्वीकार किया कि बहावलपुर हमले में जैश प्रमुख मसूद अजहर के परिवार को भारी नुकसान हुआ.
भारतीय सशस्त्र बलों ने मई 2025 में 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया. इस अभियान में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए. पंजाब में चार और पीओके में पांच आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया. इनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के मुख्यालय शामिल थे.
सबसे बड़ा हमला बहावलपुर के सुभान अल्लाह परिसर पर हुआ. यह परिसर आतंकी गतिविधियों का गढ़ था. सरकार ने साफ किया कि हमले सिर्फ आतंकी ठिकानों पर किए गए, पाकिस्तानी सेना के ठिकानों पर नहीं. बहावलपुर में मसूद अजहर के दो घर भी हैं. एक उस्मान-ओ-अली मस्जिद के पास और दूसरा जामिया मस्जिद के नजदीक. जैश कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने एक वीडियो में खुलासा किया कि 7 मई को बहावलपुर में हुए हमले में मसूद अजहर के परिवार के 'टुकड़े-टुकड़े' कर दिए गए. कश्मीरी ने कहा कि हमने दिल्ली, काबुल और कंधार से लड़ाई लड़ी, लेकिन भारतीय सेना ने हमारे परिवार को निशाना बनाया. इस वीडियो में कश्मीरी हथियारबंद आतंकियों से घिरा दिखा, जो ऑपरेशन सिंदूर के डर को दर्शाता है. मसूद अजहर ने भी माना कि हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए. बहावलपुर में जैश का मुख्यालय और चार प्रशिक्षण केंद्र भी नष्ट हो गए.
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— OsintTV 📺 (@OsintTV) September 16, 2025
Jaish-e-Mohamad top commander Masood ilyas kashmiri admits that On 7th May his leader Masood Azhar's family was torn into pieces in Bahawalpur attack by Indian forces.
Look at the number of gun-wielding security personnel in the background. According to ISPR… pic.twitter.com/OLls70lpFy
मसूद अजहर भारत के सबसे खतरनाक आतंकवादियों में से एक है. उस पर 2001 के संसद हमले, 2008 के मुंबई हमले, 2016 के पठानकोट हमले और 2019 के पुलवामा हमले जैसे कई आतंकी कृत्यों का आरोप है. 1999 में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान IC-814 के अपहरण के बाद उसे रिहा किया गया था. संयुक्त राष्ट्र ने 2019 में अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया. भारत लंबे समय से उसके और लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के प्रत्यर्पण की मांग करता रहा है. हालांकि, पाकिस्तान उसकी मौजूदगी से इनकार करता रहा. ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया, बल्कि जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों में डर भी पैदा किया. बहावलपुर हमले से साफ है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति पर अडिग है. यह ऑपरेशन देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है.