Hezbollah: मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच लेबनान एक ऐतिहासिक कदम उठाने की तैयारी में है. खबर है कि लेबनान, अमेरिका और इजराइल के दबाव में, अपने पुराने सहयोगी ईरान समर्थित हिजबुल्लाह को निरस्त्र करने पर विचार कर रहा है. मंगलवार को लेबनानी अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की, जिससे क्षेत्रीय राजनीति में हलचल मच गई है.
अमेरिका का मसौदा और लेबनान की दुविधा
मसौदे में लेबनान से अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने और पड़ोसी देशों के साथ संबंध मजबूत करने की शर्त भी शामिल है. लेबनान को इस मसौदे पर आपत्ति दर्ज करने के लिए 1 जुलाई तक का समय दिया गया था, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. लेबनान ने इस मसौदे के जवाब के लिए एक समिति गठित की है, जिसमें राष्ट्रपति जोसेफ औन, प्रधानमंत्री नवफ सलाम और हिजबुल्लाह गठबंधन के प्रतिनिधि शामिल हैं.
लेबनान का डर
27 नवंबर 2024 को इजराइल और लेबनान के बीच हुए युद्धविराम समझौते के बावजूद, इजराइल ने दक्षिणी लेबनान में अपनी सैन्य मौजूदगी बनाए रखी है और हमले जारी रखे हैं. इजराइल की मांग है कि हिजबुल्लाह को पूरी तरह खत्म किया जाए, अन्यथा सैन्य कार्रवाई बंद नहीं होगी. लेबनान के सामने आर्थिक संकट और इजराइल के हमलों का दबाव है, जिसके चलते वह इस मसौदे पर विचार करने को मजबूर है.
हिजबुल्लाह के अंत का वादा
मसौदे के अनुसार, हिजबुल्लाह के निरस्त्रीकरण के बाद इजराइल हमले बंद करेगा और लेबनान को पुनर्निर्माण के लिए आर्थिक मदद मिलेगी. संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में कैदियों की रिहाई का तंत्र भी बनेगा. थॉमस बैरिक अगले सप्ताह इस मुद्दे पर चर्चा के लिए लेबनान का दौरा करेंगे.