जापान के प्रधानमंत्री इशिबा के इस्तीफे से मची उथल-पुथल, नए नेतृत्व का जल्द होगा चयन

इशिबा ने शुरू में इस्तीफे की मांगों को नजरअंदाज किया. उन्होंने कहा था कि उनका इस्तीफा देश में राजनीतिक शून्य पैदा कर सकता है. लेकिन पार्टी के भीतर दबाव बढ़ता गया.

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Courtesy: Social Media

Japan PM Resigns: जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने आज यानी 7 सितंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. यह फैसला जुलाई में हुए संसदीय चुनावों में उनकी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) की ऐतिहासिक हार के बाद आया. इशिबा ने अक्टूबर में पद संभाला था, लेकिन पार्टी के भीतर बढ़ते दबाव ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया. उनकी पार्टी के दक्षिणपंथी नेताओं ने हार की जिम्मेदारी लेने की मांग की थी. 

जुलाई के संसदीय चुनाव में इशिबा के नेतृत्व वाला सत्तारूढ़ गठबंधन हाई सदन की 248 सीटों में बहुमत हासिल करने में नाकाम रहा. इससे पहले निचले सदन के चुनाव में भी गठबंधन को झटका लगा था. इन हार ने इशिबा की सरकार की स्थिरता को कमजोर कर दिया. एलडीपी के भीतर और बाहर से उनकी आलोचना तेज हो गई थी. 

पार्टी के अंदर बढ़ते दबाव के कारण दिया इस्तीफा 

इशिबा ने शुरू में इस्तीफे की मांगों को नजरअंदाज किया. उन्होंने कहा था कि उनका इस्तीफा देश में राजनीतिक शून्य पैदा कर सकता है. लेकिन पार्टी के भीतर दबाव बढ़ता गया. एलडीपी ने पिछले हफ्ते चुनावी हार की समीक्षा करने का फैसला किया और पार्टी में बड़े बदलाव की मांग की. इसके बाद इशिबा ने इस्तीफा देने का फैसला किया. उन्होंने रविवार को एक टेलीविजन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह नए नेता के चयन के लिए मतदान प्रक्रिया शुरू करेंगे. इशिबा के इस्तीफे का ऐलान एलडीपी के समय से पहले नेतृत्व चुनाव के फैसले से एक दिन पहले हुआ. यह चुनाव इशिबा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तरह था. अब पार्टी अक्टूबर की शुरुआत में नए नेता का चयन कर सकती है. इशिबा ने सोमवार को होने वाले मतदान को रद्द करने का संकेत दिया है.

पार्टी में बड़े बदलाव की उम्मीद

इशिबा ने अपने कार्यकाल में कई मुद्दों पर ध्यान दिया. उन्होंने अमेरिका के शुल्कों, बढ़ती कीमतों, चावल नीति सुधारों और क्षेत्रीय तनाव जैसे मुद्दों को उठाया. लेकिन इन मुद्दों पर उनकी नीतियां विवादों में रहीं. उनकी सरकार आर्थिक और सियासी स्थिरता देने में नाकाम रही. इशिबा के करीबी सहयोगी और एलडीपी महासचिव हिरोशी मोरियामा ने भी 2 सितंबर को इस्तीफे की पेशकश की थी. हालांकि, इशिबा ने इसे स्वीकार नहीं किया. अब नए नेतृत्व के साथ पार्टी में और बदलाव की उम्मीद है. इशिबा का इस्तीफा जापान की सियासत में नए मोड़ की शुरुआत है. एलडीपी के सामने नया नेता चुनने की चुनौती है.