Bhagwant Singh Mann: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने भ्रष्टाचार के प्रति अपनी सरकार की जीरो-टॉलरेंस नीति को दोहराते हुए डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डी.आई.जी.) हरचरण सिंह भुल्लर को निलंबित कर दिया है. भुल्लर को हाल ही में भ्रष्टाचार के आरोप में एक केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया था. मुख्यमंत्री ने इस कार्रवाई को राज्य में पारदर्शी और ईमानदार शासन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक बताया.
मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि भ्रष्टाचार-मुक्त प्रशासन राज्य सरकार के नैतिक मूल्यों का आधार है. पिछले चार वर्षों में सरकार की कार्रवाइयों से यह स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार के दोषियों को बख्शा नहीं जाता. उन्होंने कहा कि डी.आई.जी. भुल्लर के निलंबन के पीछे यही नीति काम कर रही है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी अधिकारी या राजनेता, चाहे उसका पद या प्रभाव कितना भी बड़ा क्यों न हो, अगर भ्रष्टाचार में संलिप्त पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.
भगवंत सिंह मान ने कहा कि भ्रष्ट गतिविधियां जनता का विश्वास कमजोर करती हैं और देश की प्रगति में बाधा डालती हैं. इसलिए सरकार ने ऐसे खतरों को खत्म करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. उन्होंने 16 अक्टूबर 2025 से डी.आई.जी. भुल्लर को निलंबित करने की जानकारी दी और कहा कि यह कार्रवाई राज्य में ईमानदार और जिम्मेदार प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आज की यह कार्रवाई स्पष्ट संदेश देती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में किसी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी अधिकारी या व्यक्ति की पद या प्रतिष्ठा के बावजूद भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल किसी को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि 2022 में पदभार संभालने के बाद से उनकी सरकार लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चला रही है, जिससे पंजाब में स्वच्छ और पारदर्शी शासन की प्रतिबद्धता मजबूत हुई है.
इस निलंबन ने यह संदेश दिया है कि पंजाब सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में किसी भी प्रकार की नरमी नहीं दिखाएगी. भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह कार्रवाई न केवल कानून का पालन सुनिश्चित करेगी बल्कि राज्य में जनता के विश्वास को भी मजबूत करेगी. सरकार की इस स्पष्ट नीति से यह संकेत मिलता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में किसी को भी विशेष छूट नहीं दी जाएगी.