White House Press Secretary Carolyn Levitt: अमेरिकी राजनीति में एक नया विवाद तब खड़ा हो गया जब व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लीविट ने हफिंगटन पोस्ट के पत्रकार एसवी डीटीई पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर उनकी निजी चैट का स्क्रीनशॉट साझा कर दिया. यह मामला तब शुरू हुआ जब रिपोर्टर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की संभावित मुलाकात को लेकर सवाल पूछा था.
मीटिंग हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, एसवी डीटीई ने कैरोलिन लीविट को संदेश भेजकर पूछा कि ट्रंप और पुतिन की आगामी मीटिंग हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में होने की संभावना है या नहीं और क्या इस स्थान का चयन ट्रंप प्रशासन ने किया है. इस सवाल के जवाब में कैरोलिन ने केवल एक लाइन में लिखा, “आपकी मां ने.”
इसके बाद कैरोलिन लीविट ने उसी बातचीत का स्क्रीनशॉट एक्स (Twitter) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “संदर्भ के लिए बता दूं, हफिंगटन पोस्ट के रिपोर्टर एसवी डीटीई तथ्यों में दिलचस्पी नहीं रखते. वे एक लेफ्ट-विंग हैकर हैं जो सालों से राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ झूठ फैलाते रहे हैं और लगातार मेरे फोन पर डेमोक्रेट्स की बातें भेजते रहते हैं.”
अमेरिकी मीडिया जगत में यह मामला चर्चा का विषय
कैरोलिन ने आगे लिखा, “अगर आप डीटीई की सोशल मीडिया फीड देखेंगे तो लगेगा जैसे वह किसी ट्रंप-विरोधी कार्यकर्ता की निजी डायरी पढ़ रहे हों. ऐसे कार्यकर्ता जो पत्रकार बनकर सामने आते हैं, वे इस पेशे की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं.”
दूसरी ओर, पत्रकार एसवी डीटीई ने इस विवाद पर अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि, अमेरिकी मीडिया जगत में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है, जहां प्रेस स्वतंत्रता और सरकारी अधिकारियों के व्यवहार पर सवाल उठ रहे हैं.
जानकारी के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की यह मुलाकात रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के संभावित रास्तों पर चर्चा के लिए प्रस्तावित है. यह मीटिंग अगले दो हफ्तों में बुडापेस्ट में हो सकती है, लेकिन व्हाइट हाउस ने अभी तक तारीख और स्थान की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.
देश किसी कूटनीतिक समाधान की दिशा
गौरतलब है कि दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात 15 अगस्त को अलास्का में हुई थी. उस बैठक में ट्रंप ने तत्काल युद्धविराम (सीजफायर) की पेशकश की थी, जिसे पुतिन ने अस्वीकार कर दिया था. अब एक बार फिर इस संभावित मुलाकात से उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देश किसी कूटनीतिक समाधान की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं.
कैरोलिन लीविट का यह बयान और उनका सोशल मीडिया पोस्ट अमेरिकी मीडिया और राजनीतिक हलकों में एक नई बहस छेड़ चुका है. क्या यह एक प्रेस अधिकारी की मर्यादा के अनुरूप है या फिर यह पत्रकारों पर हमला माना जाएगा.