US bombing: ईरानी मीडिया के अनुसार, इजरायल ने सोमवार को ईरान के फोर्डो परमाणु स्थल पर हमला किया, एक दिन पहले अमेरिका ने गुप्त भूमिगत सुविधा पर बमबारी की थी. यह हमला तब हुआ जब इजरायल ने अमेरिकी समर्थन से उत्साहित होकर तेहरान पर नए हमले शुरू किए और दावा किया कि उसने ईरान के सैन्य बुनियादी ढांचे पर सबसे तीव्र हमलों में से एक को अंजाम दिया है.
फोर्डो साइट पर दोहरा हमला
तस्नीम न्यूज़ एजेंसी ने एक सरकारी प्रवक्ता के हवाले से बताया कि आक्रामक ने फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर फिर से हमला किया. यह हमला अमेरिकी वायुसेना द्वारा फोर्डो, नतांज़ और इस्फहान की सुविधाओं पर GBU-57 बंकर बस्टर बम और टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलों से हमले के कुछ घंटों बाद हुआ. फोर्डो, जो यूरेनियम को हथियार-ग्रेड स्तर तक तेजी से समृद्ध करने की क्षमता रखता है, सतह से 80-90 मीटर नीचे स्थित है.
हमले का प्रभाव
अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने अभी तक ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के प्रभाव का आकलन नहीं किया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा कि बमबारी से फोर्डो के भूमिगत क्षेत्रों को बेहद महत्वपूर्ण नुकसान होने की संभावना है.
उन्होंने कहा कि विस्फोटक पेलोड और सेंट्रीफ्यूज की अत्यधिक कंपन-संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए, काफी नुकसान की उम्मीद है. IAEA ने पहले कहा था कि अमेरिकी हमलों के बाद ऑफ-साइट रेडिएशन स्तरों में कोई वृद्धि नहीं देखी गई.
क्षेत्रीय तनाव में वृद्धि
रॉयटर्स द्वारा प्राप्त वाणिज्यिक सैटेलाइट तस्वीरों से फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट और इसके यूरेनियम-समृद्ध सेंट्रीफ्यूज को गंभीर नुकसान का संकेत मिलता है, हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. इज़राइल और ईरान के बीच यह नवीनतम हमला क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ाने वाला है. ईरान ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है, जिससे मध्य पूर्व में अस्थिरता बढ़ने की आशंका है.