Iran-US tensions: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में ईरान के राजदूत आमिर सईद इरावानी ने अमेरिका के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए उसके परमाणु ठिकानों पर हाल के हमले की निंदा की. उन्होंने स्पष्ट किया कि ईरान इस आक्रामकता का जवाब देगा और इसके लिए उनके पास पांच ठोस कारण हैं. यह बयान अमेरिका द्वारा ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर बंकर बस्टर बमों से किए गए हमले के बाद आया, जिसने मध्य पूर्व में तनाव को और भड़का दिया है.
1. संप्रभुता का उल्लंघन
इरावानी ने कहा कि अमेरिका ने बिना किसी वैध कारण के एक शांतिप्रिय देश की संप्रभुता पर हमला किया. ईरान परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का पालन कर रहा था, फिर भी अमेरिका ने उसके परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया. यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन है.
2. आतंकवाद को बढ़ावा
ईरानी राजदूत ने अमेरिका पर मध्य पूर्व में आतंकवादियों को समर्थन देने का आरोप लगाया. उन्होंने गाजा में इजरायल के हमलों पर अमेरिका की चुप्पी को मानवता विरोधी गतिविधियों को प्रोत्साहन देने वाला बताया.
3. शांति वार्ता में बाधा
इरावानी ने खुलासा किया कि 16 जून को ओमान के मस्कट में अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता होने वाली थी, लेकिन इससे पहले इजरायल ने 13 जून को ईरान पर हमला कर दिया. यह दर्शाता है कि शांति वार्ता से कौन भाग रहा है.
4. कासिम सुलेमानी की हत्या
ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारी कासिम सुलेमानी की हत्या को इरावानी ने गैरकानूनी करार दिया. उन्होंने इसे अमेरिका की आक्रामकता का प्रतीक बताया.
5. कूटनीति पर हमला
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची यूरोपीय देशों के साथ शांति वार्ता में व्यस्त थे, लेकिन अमेरिका ने कूटनीतिक प्रयासों को नजरअंदाज कर हमला किया.
रूस, चीन, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया ने ईरान के समर्थन में बयान जारी किए. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस हमले को गलत ठहराया, जबकि उत्तर कोरिया ने भी अमेरिका की निंदा की.