Inhaler pollution: दुनिया भर में सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं, और उनके इलाज के लिए इनहेलर का इस्तेमाल आम हो गया है. लेकिन हाल ही में आई एक रिसर्च ने हैरान करने वाला खुलासा किया है. दरअसल, जिन इनहेलरों से मरीज अपनी सांसें आसान बनाते हैं, वही इनहेलर हमारी धरती को गर्म कर रहे हैं. अमेरिका में किए गए अध्ययन में पाया गया है कि ये इनहेलर हर साल 5 लाख से ज्यादा कारों के बराबर कार्बन उत्सर्जन करते हैं.
स्टडी ने खोले चौंकाने वाले आंकड़े
यह अध्ययन ‘जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA)’ में प्रकाशित हुआ है. इसमें बताया गया कि अमेरिका में कमर्शियल बीमा और सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रमों (मेडिकेड और मेडिकेयर) के तहत पिछले 10 वर्षों में इस्तेमाल हुए इनहेलरों से लगभग 24.9 मिलियन मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर उत्सर्जन हुआ.
स्टडी में यह बात सामने आई कि मीटर्ड-डोज इनहेलर (Metered-Dose Inhaler) या पफर इनहेलर सबसे ज्यादा हानिकारक हैं. ये इनहेलर दवा को फेफड़ों तक पहुंचाने के लिए हाइड्रोफ्लोरोएल्केन (HFA) नामक प्रोपेलेंट गैस का उपयोग करते हैं. यह गैस एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है, जो पृथ्वी के तापमान में तेजी से वृद्धि करती है. रिपोर्ट के अनुसार, केवल पफर इनहेलर ही कुल उत्सर्जन के 98% कार्बन डाइऑक्साइड के लिए जिम्मेदार हैं.
कौन से इनहेलर हैं पर्यावरण के लिए सुरक्षित
बड़ा असर
रिसर्चर विलियम फेल्डमैन के अनुसार, इस प्रदूषण को रोकना आसान है. उन्होंने बताया कि बहुत कम मरीजों को ही मीटर्ड-डोज इनहेलर की आवश्यकता होती है. अधिकतर लोग अगर ड्राई पाउडर या सॉफ्ट मिस्ट इनहेलर अपनाएं, तो इससे न सिर्फ स्वास्थ्य सुरक्षित रहेगा, बल्कि धरती भी प्रदूषण से बचेगी.