India–Bhutan relations: भारत और भूटान के साझेदारी से बढ़ी चीन की चिंता, सेना प्रमुख ने किया दौरा

भारत और भूटान के बीच गहरे और ऐतिहासिक संबंध आपसी विश्वास और सहयोग की नींव पर टिके हैं. 1968 में स्थापित औपचारिक राजनयिक रिश्तों ने दोनों देशों को रणनीतिक और कूटनीतिक रूप से करीब लाया है.

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India–Bhutan relations: भारत और भूटान के बीच गहरे और ऐतिहासिक संबंध आपसी विश्वास और सहयोग की नींव पर टिके हैं. 1968 में स्थापित औपचारिक राजनयिक रिश्तों ने दोनों देशों को रणनीतिक और कूटनीतिक रूप से करीब लाया है.

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी का हालिया चार दिवसीय भूटान दौरा इस साझेदारी को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है. यह यात्रा न केवल द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ावा देगी, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है, खासकर जब चीन की नजर डोकलाम जैसे रणनीतिक क्षेत्रों पर टिकी है.

चीन की गतिविधियों पर नजर

डोकलाम, भारत और भूटान के लिए सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है. 2017 में डोकलाम त्रि-जंक्शन पर भारत और चीन के बीच 73 दिनों तक चला गतिरोध इस क्षेत्र की संवेदनशीलता को दर्शाता है. चीन द्वारा डोकलाम में सड़क निर्माण की कोशिश को भूटान और भारत ने मिलकर रोका था.

जनरल द्विवेदी इस दौरे में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और रॉयल भूटान आर्मी के लेफ्टिनेंट जनरल बाटू शेरिंग से मुलाकात करेंगे. इस दौरान डोकलाम में चीनी गतिविधियों और क्षेत्रीय सुरक्षा पर विस्तृत चर्चा होगी.

चीन-भूटान सीमा विवाद पर भारत की पैनी नजर

जनरल द्विवेदी भारतीय दूतावास, सैन्य प्रशिक्षण दल, और सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों से भी बातचीत करेंगे. भारत और भूटान के बीच उच्च-स्तरीय दौरे नियमित रूप से होते रहे हैं. भूटान के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने हाल के वर्षों में भारत का दौरा किया, जबकि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी भूटान की यात्राएं कीं.

ये दौरे दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करते हैं. भूटान और चीन के बीच 400 किमी लंबी सीमा पर चल रही वार्ता पर भारत बारीकी से नजर रख रहा है. डोकलाम जैसे क्षेत्रों में किसी भी बदलाव का भारत की सुरक्षा पर सीधा असर पड़ सकता है. जनरल द्विवेदी का यह दौरा चीन के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि भारत अपने पड़ोसी के साथ मजबूती से खड़ा है.