Trump peace plan: गाजा युद्ध को खत्म करने के लिए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पेश किए गए शांति प्रस्ताव पर मिस्र के शर्म अल-शेख में हमास और इजराइल के बीच चली दो दिवसीय अप्रत्यक्ष वार्ता किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी. हमास ने बंधकों की रिहाई की शर्त मानने के बावजूद, कई अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति नहीं जताई. संगठन ने स्पष्ट कहा है कि वह तब तक किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेगा, जब तक इजराइल की ओर से युद्ध समाप्ति की पक्की गारंटी नहीं दी जाती.
ट्रंप का बयान, लेकिन भरोसे की कमी
युद्ध शुरू होने की दूसरी वर्षगांठ पर व्हाइट हाउस में ट्रंप ने कहा कि “गाजा समझौते की वास्तविक संभावना है.” हालांकि उन्होंने इस बात की कोई गारंटी नहीं दी कि यह समझौता कितने समय तक टिकेगा और इजराइल कब तक गाजा से अपनी सेना वापस बुलाएगा. शांति मसौदे में इस्तेमाल की गई भाषा को हमास ने पूरी तरह इजराइल समर्थक बताया है.
हमास ने उठाए मसौदे पर गंभीर सवाल
हमास के वरिष्ठ नेता फॉजी बरहौम ने कहा कि संगठन युद्ध के पूर्ण अंत और इजराइली सेना की गाजा से पूर्ण वापसी की मांग कर रहा है. लेकिन ट्रंप की योजना में वापसी को लेकर कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं दी गई है. योजना के अनुसार, इजराइल तब तक गाजा से नहीं हटेगा जब तक हमास अपने 48 बंधकों को रिहा नहीं करता, जिनमें से केवल 20 के जीवित होने की संभावना बताई जा रही है.
इजराइल पर दो बार संघर्ष विराम तोड़ने का आरोप
हमास के शीर्ष वार्ताकार खलील अल-हय्या ने कहा कि उन्हें इजराइल पर “एक पल के लिए भी भरोसा नहीं है.” उन्होंने आरोप लगाया कि इजराइल ने पिछले दो वर्षों में दो बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है. इसी कारण हमास अमेरिका से स्पष्ट गारंटी चाहता है कि इजराइल दोबारा युद्ध शुरू नहीं करेगा और गाजा से उसकी सेना की पूरी वापसी सुनिश्चित की जाएगी.