गाजा पर इजराइली हमले तेज, 63 फिलिस्तीनियों की मौत! नेतन्याहू का कब्जा प्लान शुरू

गाजा पट्टी में इजराइली सेना की आक्रामक कार्रवाइयों ने एक बार फिर मानवीय संकट को गहरा कर दिया है. अल जज़ीरा की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इजराइली सेना के हमलों में कम से कम 63 फिलिस्तीनी नागरिकों की जान चली गई है.

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Gaza attacks: गाजा पट्टी में इजराइली सेना की आक्रामक कार्रवाइयों ने एक बार फिर मानवीय संकट को गहरा कर दिया है. अल जज़ीरा की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इजराइली सेना के हमलों में कम से कम 63 फिलिस्तीनी नागरिकों की जान चली गई है.

नेतन्याहू सरकार के गाजा पर पूर्ण नियंत्रण के आदेश के बाद, इजराइली सेना गाजा शहर में गहराई तक घुस रही है, जिसका लक्ष्य शहर पर कब्जा करना और लगभग दस लाख लोगों को जबरन विस्थापित करना है.

सबरा क्षेत्र पर लगातार हमले

इन हमलों में बच्चों, महिलाओं और आम नागरिकों को बड़े पैमाने पर निशाना बनाया जा रहा है. अल-अहली अस्पताल के एक सूत्र ने बताया कि सबरा में हालिया बमबारी में एक मासूम बच्चे की मौत हो गई. इसके अलावा, इजराइली टैंकों ने सबरा की ओर तेजी से बढ़ना शुरू कर दिया है, जो जमीनी हमले की आशंका को और मजबूत करता है.

खान यूनिस में विस्थापित परिवारों पर हमला

शनिवार को इजराइली सेना ने दक्षिणी गाजा के खान यूनिस के असदा इलाके में विस्थापित परिवारों के शरणस्थलों पर गोलाबारी की. इस हमले में छह बच्चों सहित 16 लोग मारे गए. पूरे दिन मानवीय सहायता की तलाश में जुटे 22 फिलिस्तीनी नागरिकों की जान चली गई. नेत्ज़ारिम कॉरिडोर के पास सहायता मांग रहे एक अन्य नागरिक को गोली मारकर हत्या कर दी गई. इन हमलों ने गाजा में मानवीय संकट को और गंभीर बना दिया है.

भूख से बढ़ता मौत का आंकड़ा

फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कुपोषण के कारण दो बच्चों सहित आठ और लोगों की मौत हो गई. गाजा में लगभग दो साल पहले शुरू हुए इजराइली हमलों के बाद से भूख से मरने वालों की संख्या 281 तक पहुंच गई है. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक मुनीर अल-बुर्श ने बताया कि मृतकों में 114 बच्चे शामिल हैं. यह स्थिति गाजा में भोजन और बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी को दर्शाती है.

गाजा में इजराइली सेना की कार्रवाइयों ने एक बार फिर विश्व समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है. मानवीय सहायता की तत्काल आवश्यकता और युद्धविराम की मांग तेज हो रही है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस संकट पर तत्काल कार्रवाई करनी होगी ताकि और अधिक मासूम जिंदगियां बचाई जा सकें.