शाी जिनपिंग से मुलाकात के बाद ट्रंप ने चीन से हटाया 10 प्रतिशत टैरिफ, जानें और किन मुद्दों पर हुई बातचीत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दक्षिण कोरिया के बुसान में छह साल बाद हुई बैठक से अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में राहत मिली. टैरिफ घटाने फेंटेनाइल रोकने और दुर्लभ मृदा खनिजों पर समझौते हुए.

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Courtesy: X (@ClaireJensen_)

दक्षिण कोरिया के बुसान शहर में गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई. यह मुलाकात छह साल बाद हुई और इससे दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे व्यापारिक विवादों में कुछ राहत मिली.

ट्रंप ने बैठक को बहुत अच्छा बताया और कहा कि कई फैसले लिए गए हैं. दोनों नेताओं ने व्यापार सहयोग बढ़ाने पर बात की. इस बैठक से दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के रिश्ते मजबूत होने की उम्मीद जगी है.

बैठक के बाद बोले ट्रंप 

ट्रंप ने बैठक के बाद शी जिनपिंग की तारीफ की. उन्होंने शी को कठोर वार्ताकार कहा है. ट्रंप ने कहा कि उन्हें व्यापार और शुल्कों पर बातचीत के दौरान एक शानदार समझौते की उम्मीद है. शी जिनपिंग ने भी ट्रंप की बात का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच टकराव होना सामान्य बात है. लेकिन चीन और अमेरिका को एक स्थिर आधार बनाना चाहिए. एक दूसरे की प्रगति का समर्थन करना चाहिए.

ट्रंप ने बैठक के बाद बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि चीनी वस्तुओं पर लगे टैरिफ 57 प्रतिशत से घटाकर 47 प्रतिशत कर दिए जाएंगे. यह कटौती 10 प्रतिशत की है. ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा मैं यह नहीं कहूंगा कि सभी मुद्दों पर चर्चा हुई. लेकिन यह एक अद्भुत बैठक थी. हम इस बात पर सहमत हुए कि राष्ट्रपति शी फेंटेनाइल को रोकने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे. सोयाबीन की खरीद तुरंत शुरू होगी और चीन पर टैरिफ 57 प्रतिशत से घटाकर 47 प्रतिशत कर दिया जाएगा.

फेंटेनाइल मुद्दे पर समझौते की उम्मीद 

फेंटेनाइल एक खतरनाक दवा है. यह अमेरिका में नशीली दवाओं की समस्या का बड़ा कारण है. चीन से इसकी तस्करी होती है. ट्रंप ने कहा कि शी ने इस पर रोक लगाने का वादा किया है. सोयाबीन अमेरिकी किसानों के लिए महत्वपूर्ण फसल है. चीन ने पहले इसकी खरीद बंद कर दी थी. जिसे शुरू किया जाएगा, इससे अमेरिकी किसानों को फायदा होगा. टैरिफ कटौती से चीनी सामान अमेरिका में सस्ते होंगे. इससे दोनों देशों का व्यापार बढ़ेगा. बैठक का सबसे बड़ा परिणाम दुर्लभ मृदा खनिजों से जुड़ा था. ये खनिज उच्च तकनीक वाले सामान इलेक्ट्रिक गाड़ियों और रक्षा उपकरणों में इस्तेमाल होते हैं. महीनों से इन पर विवाद चल रहा था.

ट्रंप ने कहा सभी दुर्लभ मृदा खनिजों का मुद्दा सुलझा लिया गया है. अब अमेरिका को चीनी निर्यात को प्रभावित करने वाली कोई और बाधा नहीं होगी. ट्रंप के साथ गए एक अमेरिकी अधिकारी ने पुष्टि की. उन्होंने कहा कि बीजिंग एक साल की व्यवस्था के तहत अमेरिका को दुर्लभ मृदा खनिजों का निर्यात जारी रखने पर सहमत हो गया है. दोनों पक्ष इस व्यवस्था को नवीनीकृत करने की उम्मीद करते हैं. इस समझौते से आपूर्ति श्रृंखला की चिंताएं कम होंगी.