Sheikh Hasina: बांग्लादेश की राजनीति में उथल-पुथल बढ़ती जा रही है. अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ विभिन्न मामलों में कार्रवाई का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. ढाका की न्यू टाउन परियोजना से जुड़े एक भ्रष्टाचार मामले में बांग्लादेश की अदालत ने शुक्रवार को शेख हसीना को 5 साल की सजा सुनाई है. यह पिछले एक महीने में तीसरा मौका है जब हसीना को किसी मामले में दोषी करार दिया गया है.
सबसे बड़ा झटका यह है कि इसी मामले में हसीना की बहन शेख रेहाना और उनकी भांजी तथा ब्रिटेन की सांसद ट्यूलिप सिद्दीकी को भी अदालत ने दोषी पाया है. ट्यूलिप को 2 साल की सजा, जबकि उनकी मां रेहाना को 7 साल की जेल की सजा सुनाई गई है. यह फैसला आने के बाद बांग्लादेश के साथ-साथ ब्रिटेन की राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है.
बांग्लादेश में विवाद
ट्यूलिप सिद्दीकी ब्रिटेन की लेबर पार्टी की सांसद हैं और उनकी पार्टी फिलहाल ब्रिटेन की सत्ता में है. 2024 में उन पर आरोप लगने के बाद उन्हें मंत्रिपद छोड़ना पड़ा था. बांग्लादेश की मीडिया ‘प्रथम आलो’ के अनुसार, ट्यूलिप ने हाल ही में दावा किया था कि उनके खिलाफ चल रही कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है.
ट्यूलिप ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार उनके खिलाफ दर्ज मामलों में एक भी ठोस सबूत नहीं पेश कर रही. वह लगातार शिकायत करती रही हैं कि अदालत में उनकी बात सुनी भी नहीं जा रही है.
वकीलों ने उठाई आवाज
ट्यूलिप को लेकर ब्रिटेन के पांच नामी वकील भी आगे आए और बांग्लादेश सरकार को एक पत्र लिखकर चिंता जताई. उनका कहना था कि ट्यूलिप को जिस तरह निशाना बनाया जा रहा है, वह न्यायिक सिद्धांतों के खिलाफ है और राजनीतिक दुरुपयोग का संकेत देता है.
शेख हसीना पर बढ़ती कानूनी कार्रवाई
शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश की अदालतें अब तक 26 साल की कैद की सजाएं सुना चुकी हैं. इसके अलावा, एक मामले में उन्हें मौत की सजा भी दी गई थी. हसीना के खिलाफ 100 से अधिक मुकदमे विभिन्न अदालतों में लंबित हैं. उन पर नरसंहार, भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग जैसे गंभीर आरोप लगे हैं.
बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में कहा था कि अगर सत्ता से हटने के बाद शेख हसीना राजनीतिक गतिविधियों से दूरी बना लेतीं, तो शायद उनके खिलाफ इतनी कठोर कार्रवाई नहीं होती. लेकिन सियासत में उनकी सक्रियता को देश की अंतरिम सरकार और जनता एक चुनौती के रूप में देख रही है.
ट्यूलिप सिद्दीकी की सजा ने बांग्लादेश में राजनीति को और गर्म कर दिया है. एक ओर हसीना परिवार पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है, वहीं विपक्ष और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस कार्रवाई की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं.