America's B-2 Stealth Bomber: अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों इस्फ़हान, फोर्डो और नतांज पर हवाई हमले करके वैश्विक हलचल मचा दी है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस कार्रवाई की पुष्टि की और इसे पूरी तरह सफल बताया.
हालांकि उन्होंने इस्तेमाल किए गए हथियारों और विमानों का खुलासा नहीं किया. विशेषज्ञों का मानना है कि इस मिशन में अमेरिका ने अपने अत्याधुनिक बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया, जिन्हें दुनिया की सबसे महंगी और घातक युद्ध मशीनें माना जाता है.
बी-2 स्पिरिट
बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर, नॉर्थरॉप ग्रुमैन द्वारा निर्मित, रडार की पकड़ से बचने में सक्षम है. इसकी कीमत लगभग 17,850 करोड़ रुपये (2.1 अरब डॉलर) है, और इसका वार्षिक रखरखाव 330 करोड़ रुपये से अधिक का है.
यह विमान 30,000 पाउंड (13,600 किलोग्राम) के जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (एमओपी) बम ले जा सकता है, जो विशेष रूप से भूमिगत बंकरों और सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह बम 200 फीट मोटी कंक्रीट को भेद सकता है, जिससे फोर्डो जैसे गहरे परमाणु ठिकाने भी इसके निशाने पर हैं.
भविष्य की आशंका
बी-2 बॉम्बर की खासियत इसकी स्टील्थ तकनीक है, जो इसे दुश्मन के रडार से अदृश्य बनाती है. यह 6,000 नॉटिकल मील तक बिना रिफ्यूलिंग के उड़ सकता है, और हवा में ईंधन भरने की सुविधा इसे और घातक बनाती है. इस मिशन में डिएगो गार्सिया और गुआम जैसे रणनीतिक ठिकानों से उड़ान भरकर बी-2 ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को गहरा झटका दिया.
ईरान ने इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है. इस हमले ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है, जिसका असर वैश्विक तेल कीमतों और क्षेत्रीय स्थिरता पर पड़ सकता है.