तेलुगु सिनेमा के मशहूर कॉमेडियन फिश वेंकट का निधन, 53 साल की उम्र में किडनी फेलियर से गई जान

तेलुगु सिनेमा के हास्य अभिनेता फिश वेंकट का 18 जुलाई को हैदराबाद में निधन हो गया. किडनी फेलियर से जूझ रहे वेंकट इलाज के लिए आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे.

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Fish Venkat Death: तेलुगु सिनेमा के लोकप्रिय कॉमेडियन फिश वेंकट ने शुक्रवार, 18 जुलाई 2025 को हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली. 53 वर्षीय अभिनेता बीते नौ महीनों से किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे.लंबे समय तक इलाज चलने के बाद जब दोनों किडनियां फेल हो गईं, तो डॉक्टरों ने तुरंत ट्रांसप्लांट की सलाह दी. लेकिन आर्थिक तंगी के चलते इलाज समय पर नहीं हो सका और वेंकट को वेंटिलेटर पर रखा गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.

 मछली बेचने से शुरू  हुआ सफर 

फिश वेंकट, जिनका असली नाम वेंकट राज था, ने हास्य कलाकार के तौर पर तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई. उनका फिल्मी सफर मछली बेचने से शुरू हुआ था, जिसके चलते उन्हें ‘फिश वेंकट’ नाम मिला. अपने अनोखे तेलंगाना लहजे और सटीक कॉमिक टाइमिंग की वजह से वे दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय थे. उन्होंने करियर की शुरुआत डायरेक्टर दसारी नारायण राव की फिल्म 'सम्मक्का सरक्का' से की थी. लेकिन उन्हें असली पहचान वी.वी. विनायक की फिल्म 'आदि' से मिली. फिल्म में बोले गए उनके डायलॉग 'थोडा कोट्टु चिन्ना' ने उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया.

दोनों किडनियां हुईं फेल

बीमारी के बढ़ने पर जब वेंकट की दोनों किडनियां फेल हो गईं, तो डॉक्टरों ने 50 लाख रुपये के किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी थी. इस खर्च को वहन करना उनके परिवार के लिए संभव नहीं था. इस कारण उनकी बेटी श्रावंती ने सोशल मीडिया के माध्यम से तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री और फैंस से मदद की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि उनके पिता की हालत बेहद नाजुक है और बिना ट्रांसप्लांट के उनकी जान नहीं बचाई जा सकती.

प्रभास  की तरफ से बढ़ा मदद का हाथ? 

इसी दौरान सोशल मीडिया पर यह खबर भी फैली कि अभिनेता प्रभास की टीम ने इलाज के लिए 50 लाख रुपये की मदद की पेशकश की है. लेकिन बाद में वेंकट की बेटी ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह कॉल फर्जी थी और कोई अनजान व्यक्ति प्रभास का सहायक बनकर उनसे संपर्क कर रहा था. उन्होंने यह भी बताया कि अब तक उन्हें किसी भी ओर से आर्थिक मदद नहीं मिली. फिश वेंकट ने 100 से ज्यादा फिल्मों में छोटे लेकिन प्रभावशाली किरदार निभाए थे. उनकी संवाद अदायगी, सादगी और लोकल अंदाज़ ने उन्हें दर्शकों के दिलों में अमिट स्थान दिलाया. उनका जाना तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी क्षति है.