बिग बॉस 19 अपने शानदार फिनाले की ओर बढ़ चुका है और दर्शकों की निगाहें इस साल की ट्रॉफी पर टिकी हैं. लेकिन फैंस के बीच एक और सवाल तेजी से चर्चा में है, आखिर क्यों शो की प्राइज मनी साल दर साल घटती जा रही है? शुरुआती सीजन में जहां विनर करोड़ों रुपये घर ले जाते थे, वहीं अब यह राशि घटकर सिर्फ 50 लाख रह गई है.
बिग बॉस 19: ट्रॉफी किसकी होगी?
इस बार गौरव खन्ना, प्रणीत मोरे, तान्या मित्तल, फरहाना भट्ट और अमाल मलिक जैसे दिग्गज फाइनल की रेस में शामिल हैं. हालांकि मुकाबला कड़ा है, लेकिन प्राइज मनी को लेकर दर्शकों में उतनी ही जिज्ञासा है जितनी विनर को लेकर.
2006 में शुरू हुआ बिग बॉस भारत के सबसे चर्चित रियलिटी शोज़ में से एक बन चुका है. अरशद वारसी द्वारा होस्ट किए गए पहले सीजन के विजेता राहुल रॉय को पूरे 1 करोड़ रुपये मिले थे. शुरुआती पांच सीजन तक यह परंपरा जारी रही. लेकिन इसके बाद इनामी राशि में लगातार कटौती देखी गई.
यहां देखें सभी सीजन के विजेताओं को मिली प्राइज मनी:
इन आंकड़ों से साफ है कि जहां शुरुआत में विनर को 1 करोड़ रुपये मिलते थे, वहीं अब इनामी राशि लगभग आधी रह गई है.
प्राइज मनी क्यों हो रही है कम?
1. प्रोडक्शन लागत में भारी बढ़ोतरी
बिग बॉस के सेट, तकनीक, कैमरा नेटवर्क, वेब स्ट्रीमिंग और एपिसोड प्रोडक्शन की लागत पिछले वर्षों में कई गुना बढ़ चुकी है.
2. सेलिब्रिटी फीस में इजाफा
हाई-प्रोफाइल कंटेस्टेंट्स और होस्ट की बढ़ती फीस भी बजट पर बड़ा असर डालती है. शो अब मनोरंजन के लिए बड़े चेहरों पर निर्भर है, जिससे प्राइज मनी की कटौती करनी पड़ती है.
3. सीजन की बढ़ी हुई लंबाई
लंबे एपिसोड और एक्सटेंडेड सीजन प्रोडक्शन बजट को और ज्यादा खींच देते हैं.
4. टास्क में प्राइज मनी कटौती
कई सीजन में कंटेस्टेंट टास्क के दौरान इनामी राशि गंवा देते हैं, जिससे जीत के समय बची हुई राशि कम रह जाती है.
बिग बॉस 19: इस बार भी केवल 50 लाख
इस सीजन में भी विनर को केवल 50 लाख रुपये और ट्रॉफी मिलेगी. फैंस सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर नाराज़गी जता रहे हैं कि इतने बड़े शो की प्राइज मनी अब पहले जैसी चमकदार नहीं रही. अब देखने वाली बात यह है कि 50 लाख रुपये और चमचमाती ट्रॉफी किस फाइनलिस्ट की झोली में जाती है.