नोएडा सेक्टर 62 स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल के सामने बने ओवरब्रिज की लिफ्ट में फंसे दो पत्रकार, बाल-बाल बची जान

नोएडा के सेक्टर 62 में एक खौफनाक घटना सामने आई, जब दो पत्रकार फोर्टिस अस्पताल के नजदीक ओवरब्रिज की लिफ्ट में फंस गए. यह हादसा सोमवार, 2 जून 2025 को हुआ, जब लिफ्ट नंबर 3 अचानक खराब हो गई.

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Fortis Hospital in Noida Sector 62: नोएडा के सेक्टर 62 में एक खौफनाक घटना सामने आई, जब दो पत्रकार फोर्टिस अस्पताल के नजदीक ओवरब्रिज की लिफ्ट में फंस गए. यह हादसा सोमवार, 2 जून 2025 को हुआ, जब लिफ्ट नंबर 3 अचानक खराब हो गई. करीब 10 मिनट तक लिफ्ट में फंसे रहने के बाद पत्रकारों को बाहर निकाला गया. इस घटना ने न केवल उन्हें डराया, बल्कि शहर में सार्वजनिक सुविधाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल भी खड़े किए.

लिफ्ट में फंसे पत्रकारों का डरावना अनुभव

इंडिया डेली के दो पत्रकार उस दिन सेक्टर 62 के ओवरब्रिज पर लगी लिफ्ट में चढ़े. अचानक लिफ्ट बीच में ही रुक गई, और दोनों अंदर फंस गए. पत्रकारों ने बताया कि लिफ्ट न ऊपर जा रही थी, न नीचे. अंदर का माहौल इतना भयावह था कि उन्हें लगा कि शायद वे बच नहीं पाएंगे. सांस लेने में तकलीफ और चारों ओर सन्नाटे ने उनकी घबराहट को और बढ़ा दिया. 

सुरक्षा के नाम पर लापरवाही

पत्रकारों ने बताया कि लिफ्ट के आसपास कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था, और न ही कोई आपातकालीन उपकरण. कई कोशिशों के बाद उन्होंने लिफ्ट में दिए गए इमरजेंसी नंबर पर संपर्क किया. करीब 10 मिनट बाद लिफ्ट खोली गई, और दोनों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. इस घटना ने लिफ्ट की देखरेख और सुरक्षा इंतजामों की कमी को उजागर कर दिया.

पत्रकारों ने जताई नाराजगी

बाहर निकलने के बाद पत्रकारों ने अपनी आपबीती साझा की और प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि ऐसी लिफ्टों की नियमित जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई और इस डरावने अनुभव से न गुजरे. साथ ही, उन्होंने मांग की कि हर लिफ्ट के पास हमेशा एक गार्ड तैनात होना चाहिए, जो आपात स्थिति में तुरंत मदद कर सके. पत्रकारों ने बताया कि इस घटना ने उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर दिया, और अब वे लिफ्ट का इस्तेमाल करने से डरेंगे.

सुरक्षा पर उठने चाहिए कदम

यह हादसा नोएडा जैसे बड़े शहर में सार्वजनिक सुविधाओं की सुरक्षा पर बड़ा सवाल उठाता है. लिफ्ट जैसी सुविधाएं लोगों के लिए जरूरी हैं, लेकिन अगर इनका रखरखाव ठीक न हो, तो यह खतरनाक साबित हो सकती हैं. प्रशासन को चाहिए कि ऐसी घटनाओं को गंभीरता से ले और लिफ्टों की नियमित जांच और सुरक्षा सुनिश्चित करे.

हर नागरिक के लिए चेतावनी

यह घटना उन सभी लोगों के लिए एक सबक है जो रोजाना ऐसी सुविधाओं का इस्तेमाल करते हैं. प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को इस मामले पर तुरंत ध्यान देना चाहिए ताकि भविष्य में कोई और इस तरह के खतरनाक अनुभव से न गुजरे. यह समय है कि नोएडा में सार्वजनिक सुविधाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए.