मुलायम सिंह यादव को 31 साल पहले अलॉट हुई थी सरकारी कोठी, 30 दिनों में खाली करने का आदेश

जिलाधिकारी के निर्देश पर अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (वित्त) ने सपा के जिला अध्यक्ष जयवीर सिंह यादव को नोटिस भेजा. इसमें 30 दिनों में बंगला खाली करने को कहा गया है. प्रशासन को कब्जा सौंपना होगा. सपा ने अभी तक इस पर कोई बयान नहीं दिया. नोटिस में साफ है कि समय सीमा में बंगला न खाली करने पर कानूनी कार्रवाई होगी.

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Courtesy: Social Media

Mulayam Singh Yadav Bungalow: समाजवादी पार्टी (सपा) को मुरादाबाद जिला प्रशासन की ओर से 30 दिनों में जिला कार्यालय खाली करने का नोटिस जारी किया है. यह बंगला 31 साल पहले सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को आवंटित हुआ था. प्रशासन ने बंगले का आवंटन रद्द कर दिया है.

सिविल लाइंस स्थित बंगला नंबर 4 मुलायम सिंह यादव को 1994 में मिला था. यह हजार वर्ग गज में फैला है. इसका किराया 350 रुपये था. मुलायम सिंह के 2022 में निधन के बाद सपा ने इसे अपने नाम कराने की कोई प्रक्रिया नहीं की. जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार सिंह ने इसे सरकारी संपत्ति का गलत उपयोग बताया.

कानूनी कार्रवाई की चेतावनी जारी 

जिलाधिकारी के निर्देश पर अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (वित्त) ने सपा के जिला अध्यक्ष जयवीर सिंह यादव को नोटिस भेजा. इसमें 30 दिनों में बंगला खाली करने को कहा गया है. प्रशासन को कब्जा सौंपना होगा. सपा ने अभी तक इस पर कोई बयान नहीं दिया. नोटिस में साफ है कि समय सीमा में बंगला न खाली करने पर कानूनी कार्रवाई होगी. कोर्ट में मामला जाएगा. साथ ही इस तारीख के अगले दिन से ही हजार रुपये का जुर्माना लगेगा. प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है. यह बंगला तीन दशकों से सपा का जिला मुख्यालय रहा. इसे खाली करने के बाद सरकार इसे अपने लिए इस्तेमाल करेगी. प्रशासन ने इसे सरकारी संपत्ति के रूप में पुनः नियंत्रित करने की योजना बनाई है.

विधानसभा चुनाव से पहले हलचल तेज 

मुलायम सिंह यादव को 1994 में यह बंगला मिला था. तब वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. यह बंगला सपा के लिए प्रतीकात्मक महत्व रखता था. मुलायम सिंह के निधन के बाद आवंटन की कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं हुई. यही चूक इस कार्रवाई का कारण बनी. यह नोटिस आगामी विधानसभा चुनावों से पहले आया है. राजनीतिक हलकों में इसकी चर्चा तेज है. सपा के लिए यह झटका माना जा रहा है. विपक्षी दल इसे सत्तारूढ़ पार्टी की रणनीति बता सकते हैं. सपा नेताओं की चुप्पी ने सस्पेंस बढ़ा दिया है. सपा के पास 30 दिन हैं. बंगला खाली न करने पर कानूनी और आर्थिक दबाव बढ़ेगा. यह मामला मुरादाबाद में सपा की स्थिति को प्रभावित कर सकता है. जनता और राजनीतिक विश्लेषक प्रशासन के अगले कदम पर नजर रखे हैं.