वाराणसी के प्रमुख मंदिरों में निःशुल्क ऑनलाइन पूजा की अनूठी पहल, काशी में शुरू हुई नई धार्मिक परंपरा

विश्व के प्राचीनतम शहरों में से एक, काशी, जिसे मंदिरों की नगरी के रूप में भी जाना जाता है, अब एक नई धार्मिक परंपरा की शुरुआत कर रहा है. यहां के पवित्र मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए अब निःशुल्क ऑनलाइन पूजा की सुविधा उपलब्ध होगी. इस पहल का उद्देश्य धार्मिक कार्यों में व्यापारीकरण को रोकना और श्रद्धालुओं की आस्था को और सशक्त करना है.

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Kashi Online Worship: विश्व के प्राचीनतम शहरों में से एक, काशी, जिसे मंदिरों की नगरी के रूप में भी जाना जाता है, अब एक नई धार्मिक परंपरा की शुरुआत कर रहा है. यहां के पवित्र मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए अब निःशुल्क ऑनलाइन पूजा की सुविधा उपलब्ध होगी.

इस पहल का उद्देश्य धार्मिक कार्यों में व्यापारीकरण को रोकना और श्रद्धालुओं की आस्था को और सशक्त करना है. वाराणसी के छह प्रमुख मंदिरों में यह व्यवस्था शुरू की गई है, जिसके तहत भक्त बिना किसी शुल्क के ऑनलाइन पूजा कर सकेंगे.

बड़ी शीतला माता मंदिर के महंत का बयान

बड़ी शीतला माता मंदिर के महंत पं. अवशेष पांडे ने इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विश्व भर से आने वाले श्रद्धालुओं की देवी-देवताओं के प्रति गहरी आस्था होती है. लेकिन, पूजा-अनुष्ठान के लिए शुल्क वसूलना न केवल आस्था के साथ अन्याय है, बल्कि यह धार्मिक कार्यों में व्यापारीकरण को बढ़ावा देता है. उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि भक्तों की आस्था का सम्मान हो और वे बिना किसी आर्थिक बोझ के पूजा कर सकें."

इन मंदिरों में मिलेगी निःशुल्क ऑनलाइन पूजा की सुविधा

इस अनूठी व्यवस्था के तहत वाराणसी के छह प्रमुख मंदिरों - बड़ी शीतला माता मंदिर, अन्नपूर्णा माता मंदिर, महालक्ष्मी मंदिर, बाबा काल भैरव मंदिर, लोलार्केश्वर महादेव मंदिर और गौरी केदारेश्वर मंदिर में निःशुल्क ऑनलाइन पूजा शुरू की गई है. यह सेवा जीवित्पुत्रिका व्रत के अवसर पर शुरू हुई है, जिससे देश-विदेश के भक्त लाभ उठा सकेंगे.

कैसे करें निःशुल्क ऑनलाइन पूजा के लिए आवेदन?

पं. अवशेष पांडे ने बताया कि श्रद्धालुओं को ऑनलाइन पूजा के लिए अपना नाम, गोत्र, निवास स्थान और मोबाइल नंबर व्हाट्सएप नंबर 7459016660 पर भेजना होगा. इसके बाद मंदिर के पुजारी भक्तों के सुख-समृद्धि के लिए पूजा करेंगे और पूजा का वीडियो भी भक्तों को उपलब्ध कराया जाएगा. यह सेवा पूरी तरह निःशुल्क है.

यह पहल न केवल आस्था को बढ़ावा देगी, बल्कि उन भक्तों के लिए भी वरदान साबित होगी जो काशी नहीं पहुंच सकते. तकनीक के माध्यम से काशी की पवित्रता अब हर घर तक पहुंचेगी.