IPS Shivanshu Rajput: कर्नाटक कैडर के 2019 बैच के आईपीएस अधिकारी शिवांशु राजपूत एक गंभीर विवाद में घिर गए हैं. उनकी पत्नी डॉ. कृति सिंह ने उन पर दहेज मांगने, मानसिक प्रताड़ना देने और अवैध संबंध रखने के आरोप लगाते हुए सेक्टर-126 थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. इस मामले में न केवल अधिकारी बल्कि उनके परिवार के कई सदस्य और करीबी मित्र भी आरोपी बनाए गए हैं.
सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
नोएडा पुलिस के अनुसार, डॉ. कृति सिंह की शिकायत के आधार पर कुल सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इसमें आईपीएस अधिकारी के सास-ससुर, देवर, देवरानी और दो करीबी दोस्त भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि एफआईआर 41 पन्नों की विस्तृत शिकायत पर आधारित है, जिसमें विवाह के बाद हुए कथित उत्पीड़न की पूरी घटनाक्रम विस्तार से दर्ज है.
शादी में हुआ था करोड़ों का खर्च
शिकायत में डॉ. कृति सिंह ने बताया कि उनकी शादी बड़े धूमधाम से एक पांच सितारा होटल में संपन्न हुई थी, जिस पर उनके परिवार ने लगभग दो करोड़ रुपये खर्च किए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि भव्य शादी के बावजूद, ससुराल पहुंचने के बाद से ही उन्हें दहेज की मांग, मानसिक उत्पीड़न और अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ा.
डॉ. कृति सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि उनके पति, आईपीएस शिवांशु राजपूत, के कई महिलाओं से अवैध संबंध हैं, जिसकी वजह से वैवाहिक रिश्ते में लगातार तनाव बढ़ता गया. उन्होंने कहा कि उन्होंने कई बार इस विषय पर बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन हर बार उन्हें चुप करा दिया गया या धमकाया गया.
बार-बार दहेज की मांग और धमकियों का आरोप
एफआईआर में दर्ज विवरण के अनुसार, आरोपी परिवार द्वारा कई बार दहेज की अतिरिक्त मांग की गई और जब इसका विरोध किया गया, तो उन्हें परिवार की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने की धमकियां दी गईं. पत्नी ने यह भी आरोप लगाया कि उनके साथ शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की घटनाएं कई अवसरों पर हुईं, जिनसे उनका स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हुई.
पुलिस ने शुरू की जांच
सेक्टर-126 थाना प्रभारी ने बताया कि शिकायत प्राप्त होने के बाद मामला भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज कर लिया गया है. पुलिस ने कहा कि सभी आरोपों की गहराई से जांच की जा रही है और आवश्यक साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं. अधिकारियों के अनुसार, सबूतों के आधार पर ही आगे की कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी.
यह मामला एक बार फिर इस बात को उजागर करता है कि उच्च पदों पर कार्यरत अधिकारियों के निजी और पारिवारिक विवाद अब सार्वजनिक और कानूनी दायरे में आने लगे हैं. फिलहाल पुलिस जांच जारी है, और आने वाले दिनों में इस मामले में कई महत्वपूर्ण खुलासे होने की संभावना है.