मऊ सदर विधानसभा सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के विधायक अब्बास अंसारी की सदस्यता समाप्त कर दी गई है. यह फैसला मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए भड़काऊ भाषण के मामले में दोषी पाए जाने के बाद लिया गया.
कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दो साल की कैद और 3,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है, जिससे उनकी विधायक सदस्यता स्वतः समाप्त हो गई है.
कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
मऊ की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) कोर्ट ने शनिवार को यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान अब्बास अंसारी पर मऊ के पहाड़पुर में एक जनसभा में प्रशासन को धमकी देने और भड़काऊ बयान देने का आरोप था.
कोर्ट ने सह-आरोपी मंसूर अंसारी को छह महीने की सजा और 1,000 रुपये का जुर्माना सुनाया. सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी विधायक को दो साल से अधिक की सजा होने पर उनकी सदस्यता रद्द हो जाती है.
विधानसभा सचिवालय की कार्रवाई
कोर्ट के फैसले के बाद विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने मऊ सदर सीट को रिक्त घोषित कर दिया. रविवार को विधानसभा सचिवालय को विशेष तौर पर खोला गया और इसकी सूचना चुनाव आयोग को भेज दी गई. इस कदम से उपचुनाव की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं, जिससे मऊ की राजनीति में नया मोड़ आने की उम्मीद है.
माफिया नेता मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी मऊ में प्रभावशाली नेता माने जाते हैं. उनके विधायक का दर्जा समाप्त होने से समाजवादी पार्टी और सुभासपा गठबंधन पर असर पड़ सकता है. उपचुनाव में यह सीट भाजपा और सपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन सकती है.