पंजाब सरकार ने राज्य की बिजली व्यवस्था को आधुनिक और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 5,000 करोड़ रुपये की लागत वाला ‘रौशन पंजाब’ मिशन शुरू किया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जालंधर में इस महत्वाकांक्षी परियोजना की आधारशिला रखी. यह योजना पंजाब के ऊर्जा क्षेत्र में एक नई क्रांति का सूत्रपात करने जा रही है, जिसका सीधा लाभ राज्य के हर नागरिक, किसान और उद्योग को मिलेगा.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि “अब पंजाब में कोई भी फैक्ट्री बिजली की कमी के कारण बंद नहीं होगी, कोई किसान अंधेरे में खेतों में परेशान नहीं होगा और कोई बच्चा बिजली न होने के कारण पढ़ाई से वंचित नहीं रहेगा.” उन्होंने इस योजना को पंजाब के उज्जवल भविष्य और जनकल्याण की दिशा में ऐतिहासिक पहल बताया.
पंजाब में बिजली व्यवस्था को मिलेगा नया जीवन
पिछले कई दशकों से पंजाब की बिजली व्यवस्था पुरानी तकनीक, कमजोर ट्रांसमिशन लाइनों और जर्जर सब-स्टेशनों के कारण संघर्ष कर रही थी. लगातार बिजली कटौती और वोल्टेज में उतार-चढ़ाव से न केवल आम जनता बल्कि उद्योग और कृषि क्षेत्र भी प्रभावित हो रहे थे. ‘रौशन पंजाब’ मिशन के तहत अब राज्यभर में बिजली ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को पूरी तरह अपग्रेड किया जाएगा.
पुराने सब-स्टेशनों को अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया जाएगा, नई ट्रांसमिशन लाइनों को मजबूत पोल्स पर स्थापित किया जाएगा और बिजली लाइनों की ऊंचाई अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तय की जाएगी. इससे प्राकृतिक आपदाओं या मौसम की खराबी के दौरान भी बिजली सप्लाई बाधित नहीं होगी और हादसों की संभावना काफी कम हो जाएगी.
13 प्रमुख शहरों में अत्याधुनिक बिजली ग्रिड
पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) की निगरानी में अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, मोहाली, बठिंडा, फिरोज़पुर, फाजिल्का, मानसा, संगरूर, मोगा, होशियारपुर और पठानकोट सहित 13 प्रमुख शहरों में बिजली ग्रिडों को आधुनिक तकनीक से मजबूत किया जा रहा है.
इन शहरों में स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम, ऑटोमेटेड फॉल्ट डिटेक्शन और रिमोट मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए जाएंगे, जिससे बिजली चोरी पर रोक लगेगी और राजस्व संग्रहण में सुधार होगा. साथ ही, उपभोक्ताओं को अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद सेवाएं मिलेंगी.
इस कदम से राज्य में औद्योगिक निवेश का माहौल भी मजबूत होगा. जब बिजली सस्ती और निर्बाध रूप से उपलब्ध होगी, तो देश-विदेश के निवेशक पंजाब में उद्योग लगाने के लिए आकर्षित होंगे. इससे हजारों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी.
ग्रामीण और शहरी इलाकों को समान लाभ
‘रौशन पंजाब’ मिशन का लक्ष्य केवल शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य के हर गांव और कस्बे को चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध कराना है. ग्रामीण क्षेत्रों में नई डिस्ट्रीब्यूशन लाइनें बिछाई जा रही हैं और पुराने ट्रांसफॉर्मरों को बदला जा रहा है.
Roshan Punjab Mission: मुख्यमंत्री ने कहा कि “यह योजना केवल तकनीकी सुधार का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह गांवों की खुशहाली और किसानों की प्रगति की दिशा में एक बड़ा कदम है.” किसानों को अब अपने ट्यूबवेल और सिंचाई कार्यों के लिए निर्बाध बिजली मिलेगी, जिससे उनकी कृषि लागत घटेगी और उत्पादन क्षमता बढ़ेगी.
सार्वजनिक सुरक्षा और पारदर्शिता पर विशेष ध्यान
पंजाब सरकार ने बिजली से जुड़ी सार्वजनिक सुरक्षा को भी इस मिशन का अहम हिस्सा बनाया है. बीते वर्षों में खराब वायरिंग और खुले मीटर बॉक्सों के कारण कई हादसे हुए थे. अब शहरी इलाकों में लटकती हुई बिजली केबलों को व्यवस्थित तरीके से हटाया जा रहा है, जबकि खुले मीटर बॉक्सों को आधुनिक, मौसम प्रतिरोधी और सुरक्षित बॉक्सों से बदला जा रहा है.
साथ ही, बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए 1912 हेल्पलाइन को पूरी तरह डिजिटल और आधुनिक बनाया गया है. अब उपभोक्ता अपनी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं, रीयल-टाइम में ट्रैक कर सकते हैं और निर्धारित समय सीमा में उनका समाधान पा सकते हैं.
यह सुविधा सरकार की पारदर्शी और जवाबदेह कार्यप्रणाली की दिशा में एक बड़ी छलांग है. इससे लोगों का सरकारी तंत्र पर विश्वास मजबूत होगा और बिजली सेवाओं की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार आएगा.
ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
सरकार ने ऊर्जा उत्पादन को स्थिर और सस्ता बनाने के लिए कोल इंडिया और अन्य आपूर्तिकर्ताओं के साथ दीर्घकालिक समझौते किए हैं. इससे थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले की आपूर्ति निरंतर बनी रहेगी और बिजली उत्पादन की लागत घटेगी.
इसका लाभ किसानों और छोटे उद्योगों दोनों को मिलेगा. सस्ती बिजली से कृषि लागत कम होगी, उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा और आम उपभोक्ता को कम बिजली बिलों के रूप में राहत मिलेगी. इससे मुद्रास्फीति पर नियंत्रण और आर्थिक स्थिरता दोनों को बढ़ावा मिलेगा.
जनता की सहभागिता से बनी योजना
पंजाब सरकार ने इस मिशन की योजना तैयार करने से पहले जनता, ग्राम पंचायतों, नगर पालिकाओं, उद्योग संगठनों और किसान यूनियनों से सीधी बातचीत की. यह पहली बार है जब राज्य में किसी बिजली परियोजना को जनता की जरूरतों और सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है.
नई व्यवस्था के तहत बिजली कनेक्शन, बिल भुगतान, शिकायत दर्ज करने और रखरखाव से जुड़ी सभी सेवाएं ऑनलाइन और सिंगल-विंडो सिस्टम के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएंगी. इससे उपभोक्ताओं को पारदर्शी, त्वरित और जवाबदेह सेवा मिलेगी.
तकनीकी सुधार और दीर्घकालिक लाभ
‘रौशन पंजाब’ मिशन में उपयोग किए जा रहे उपकरण छेड़छाड़ रोधी, उच्च गुणवत्ता वाले और मौसम प्रतिरोधी होंगे. नई ट्रांसमिशन लाइनों और पोल्स के निर्माण से बिजली आपूर्ति और भी सुरक्षित होगी.
इन तकनीकी सुधारों से रखरखाव की लागत घटेगी, उपकरणों की आयु बढ़ेगी, और बिजली की विश्वसनीयता कई गुना बढ़ जाएगी. सरकार का दावा है कि आने वाले दशकों तक यह व्यवस्था स्थिर और कुशल बनी रहेगी.
भविष्य के लिए मजबूत नींव
‘रौशन पंजाब’ मिशन को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने “भविष्य की पीढ़ियों के लिए उपहार” बताया. उन्होंने कहा कि “यह परियोजना केवल बिजली सुधार नहीं, बल्कि पंजाब के हर नागरिक के जीवन को रोशन करने का संकल्प है.”
इस योजना से न केवल हर घर और खेत में रोशनी पहुंचेगी, बल्कि राज्य का औद्योगिक और सामाजिक ढांचा भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा. यह पहल पंजाब को देश के सबसे विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है.
5,000 करोड़ रुपये की लागत से शुरू हुआ ‘रौशन पंजाब’ मिशन राज्य के विकास की नई गाथा लिखने जा रहा है. चौबीसों घंटे बिजली, आधुनिक तकनीक, पारदर्शी व्यवस्था और जनसहभागिता ये सभी तत्व इस योजना को पंजाब के ऊर्जा इतिहास का सबसे बड़ा और क्रांतिकारी कदम बनाते हैं.
अब पंजाब न केवल बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, बल्कि यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए प्रेरणास्रोत भी बन सकता है. सचमुच, यह वह मिशन है जो आने वाले समय में हर घर को रोशन करेगा, हर खेत को हरा-भरा बनाएगा और हर उद्योग को समृद्धि की राह दिखाएगा.