₹641 करोड़ का ‘ग्रीन पावर पंच’! नाभा पावर संग मान सरकार का क्लीन एनर्जी विज़न, सस्ती बिजली

पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार राज्य को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में देश का अग्रणी केंद्र बनाने की दिशा में लगातार कदम बढ़ा रही है. हरित विकास को पंजाब की प्रगति की नींव बनाते हुए सरकार न केवल पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दे रही है.

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Nabha Power: पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार राज्य को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में देश का अग्रणी केंद्र बनाने की दिशा में लगातार कदम बढ़ा रही है. हरित विकास को पंजाब की प्रगति की नींव बनाते हुए सरकार न केवल पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दे रही है. बल्कि युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर भी सृजित कर रही है. इसी दिशा में राज्य की एक बड़ी उपलब्धि है. नाभा पावर लिमिटेड (Nabha Power Limited - NPL) की ₹641 करोड़ की ग्रीन एनर्जी परियोजना, जो पंजाब की ऊर्जा क्रांति में एक मील का पत्थर साबित होने जा रही है.

नाभा पावर की हाइब्रिड योजना से ‘ग्रीन’ बनेगा राजपुरा प्लांट

नाभा पावर लिमिटेड, जो लार्सन एंड टूब्रो (L&T) की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है, ने पटियाला जिले के राजपुरा में स्थित अपने 1,400 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट को अब सौर ऊर्जा के साथ मिश्रित यानी हाइब्रिड मॉडल में परिवर्तित करने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है. ₹641 करोड़ की यह परियोजना राज्य की हरित ऊर्जा दिशा में अब तक की सबसे बड़ी पहल मानी जा रही है.

इस योजना के तहत थर्मल प्लांट में सौर ऊर्जा को जोड़ा जाएगा, जिससे बिजली उत्पादन अधिक स्वच्छ, टिकाऊ और सस्ती बनेगी. इस तकनीकी सुधार से प्रदूषण में लगभग 15 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है. परियोजना के पूर्ण संचालन से 500 से अधिक नई नौकरियों के सृजन की उम्मीद है, जिसमें स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी.

यह योजना पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) के साथ 25 वर्ष के पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) के तहत लागू होगी. परियोजना का पहला चरण दिसंबर 2025 तक शुरू होने की संभावना है और यह 2026 तक चरणबद्ध रूप से पूर्ण हो जाएगी. इसके बाद पंजाब की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे राज्य की बिजली जरूरतें पर्यावरण-मित्र तरीके से पूरी होंगी.

औद्योगिक विकास और पर्यावरण संरक्षण 

राजपुरा का थर्मल पावर प्लांट वर्तमान में पंजाब की बिजली जरूरतों का बड़ा हिस्सा पूरा करता है — गैर-पीक सीजन में करीब 40 प्रतिशत और पीक सीजन में लगभग 20 प्रतिशत आपूर्ति देता है. सौर ऊर्जा को जोड़ने से यह संयंत्र न केवल पर्यावरण के लिए अनुकूल बनेगा, बल्कि उद्योगों को भी अधिक स्थिर और सस्ती बिजली उपलब्ध कराएगा.

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) ने 2025 में नाभा पावर लिमिटेड को पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कृत किया था, जो इसकी हरित प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इस परियोजना से पंजाब के स्वदेशी निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा और भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनियों की घरेलू तकनीकी क्षमता को बल मिलेगा.

मान सरकार की अन्य ‘ग्रीन एनर्जी’ पहलें

नाभा पावर की यह परियोजना पंजाब की हरित नीति का हिस्सा है, जिसके तहत राज्य तेजी से सौर और नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में अग्रसर है.

  • राज्य में 66 नई सौर परियोजनाओं की योजना पर काम चल रहा है, जो दिसंबर 2025 तक 264 मेगावाट स्वच्छ बिजली का उत्पादन करेंगी.
  • इनसे हर वर्ष 40 करोड़ यूनिट बिजली बनेगी और करीब 176 करोड़ रुपये की कृषि सब्सिडी की बचत होगी.
  • इस योजना में 1,056 करोड़ रुपये का निवेश और 500 से अधिक नई नौकरियां बनने की संभावना है.
  • पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पीडा) ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc), बैंगलोर के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत धान की पराली से ग्रीन हाइड्रोजन ईंधन तैयार किया जाएगा — यह पर्यावरण संरक्षण में एक ऐतिहासिक कदम है.
  • 40 मेगावाट की नहर-शीर्ष सौर परियोजना पानी की बचत और बिजली उत्पादन दोनों में योगदान देगी.
  • फाजिल्का और फिरोजपुर में साफर कंपनी द्वारा सौर फार्म विकसित किए जा रहे हैं, जो विदेशी और घरेलू निवेश को आकर्षित करेंगे.
  • 4,238 सरकारी स्कूलों में सौर पैनल लगाए जा चुके हैं, जिनसे हर साल 2.89 करोड़ यूनिट बिजली उत्पन्न हो रही है.
  • रूफटॉप सोलर सिस्टम से अब तक 63.5 मेगावाट क्षमता के संयंत्र लग चुके हैं और 3,000 नए आवेदन लंबित हैं.
  • पीडा द्वारा 815.5 मेगावाट के सौर संयंत्र पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे बिजली वितरण में हानि कम हो रही है.
  • साथ ही, ₹5,000 करोड़ की बिजली बुनियादी ढांचा योजना से अगले वर्ष तक राज्य में बिजली कटौती की समस्या लगभग समाप्त हो जाएगी.

इन सभी योजनाओं से अब तक 2,000 से अधिक नई नौकरियां बन चुकी हैं और 2025 के अंत तक यह संख्या 4,000 के पार पहुंचने की उम्मीद है.

‘हरित पंजाब’ की दिशा में बड़ा कदम

ऊर्जा मंत्री अमान अरोड़ा ने कहा, “नाभा पावर की यह परियोजना पंजाब की हरित क्रांति का मजबूत प्रतीक है. हम थर्मल ऊर्जा से सौर ऊर्जा की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे पर्यावरण की रक्षा होगी और युवाओं को हरित रोजगार मिलेंगे.”

वहीं, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस पहल को पंजाब के भविष्य की नींव बताया. उन्होंने कहा, “नाभा पावर का यह ग्रीन पावर प्रोजेक्ट हर पंजाबी के लिए समृद्धि का प्रतीक है. हमारी सरकार स्वच्छ ऊर्जा, रोजगार और निवेश के माध्यम से पंजाब को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है. आने वाले चुनावों में जनता का भरोसा ही हमारी सबसे बड़ी ताकत होगा. हमारा वादा है . पंजाब स्वच्छ, आत्मनिर्भर और समृद्ध बनेगा.”

यह परियोजना न केवल राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम है, बल्कि यह पंजाब को भारत का ‘ग्रीन एनर्जी इंजन’ बनाने की दिशा में ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी.