Bhagwant Mann Government: पंजाब में निवेश की नई लहर ने राज्य की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे दी है. मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार के औद्योगिक सुधारों और पारदर्शी नीतियों के चलते राज्य में निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में अब तक पंजाब में ₹29,480 करोड़ का निवेश दर्ज हुआ है, जिससे 67,672 नई नौकरियों के अवसर पैदा होने की उम्मीद है. यह आंकड़े इस बात का सबूत हैं कि पंजाब तेजी से देश के अग्रणी औद्योगिक राज्यों में शामिल हो रहा है.
निवेश के नए कीर्तिमान
पिछले ढाई सालों में पंजाब सरकार ने कुल ₹88,000 करोड़ से अधिक का वास्तविक निवेश आकर्षित किया है, जो किसी भी राज्य के लिए उल्लेखनीय उपलब्धि मानी जा रही है. सरकार की निवेश प्रोत्साहन नीतियों के तहत बड़े कॉरपोरेट समूहों से लेकर मध्यम और छोटे उद्योगों (MSME) तक सभी ने पंजाब में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाया है. टाटा स्टील लिमिटेड ने ₹2,600 करोड़, सनातन पॉलीकॉट प्राइवेट लिमिटेड ने ₹1,600 करोड़ और अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड ने पंजाब में निवेश किया है. इसके अलावा, इंफोसिस ने मोहाली में अपने संचालन का विस्तार करने के लिए ₹300 करोड़ के निवेश की घोषणा की है. इससे लगभग 2,500 प्रत्यक्ष और 210 अप्रत्यक्ष नौकरियां सृजित होंगी.
पोर्टल रीलॉन्च से निवेश में 167% की छलांग
मान सरकार द्वारा निवेश प्रोत्साहन पोर्टल को नए सिरे से लॉन्च करना पंजाब की औद्योगिक नीति में मील का पत्थर साबित हुआ है. पोर्टल के रीलॉन्च के बाद राज्य में निवेश प्रस्तावों में 167% की वृद्धि दर्ज की गई है. पहले जहां निवेशकों को मंजूरियों के लिए कई विभागों के चक्कर लगाने पड़ते थे, अब वही प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल हो चुकी है. निवेशक अब इस पोर्टल के माध्यम से घर बैठे आवश्यक अनुमतियां प्राप्त कर सकते हैं. इससे न केवल समय की बचत हुई है, बल्कि सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और दक्षता भी बढ़ी है.
सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम से निवेशकों को राहत
राज्य सरकार ने ‘सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम’ लागू किया है, जिससे निवेशकों को सभी मंजूरियां एक ही प्लेटफॉर्म पर मिल जाती हैं. इसके साथ ही औद्योगिक भूमि बैंक की स्थापना भी की गई है, जिससे इच्छुक निवेशकों को उपयुक्त जमीन आसानी से मिल सके. मान सरकार ने टैक्स में छूट, सब्सिडी और लाइसेंसिंग में सरलता जैसे कदम उठाकर निवेशकों का भरोसा मजबूत किया है. विशेष रूप से MSME क्षेत्र के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं लागू की गई हैं, ताकि छोटे उद्योग भी बिना किसी अड़चन के अपने प्रोजेक्ट शुरू कर सकें.
निवेश का व्यापक प्रभाव: शहर से गांव तक विकास
राज्य सरकार के अनुसार, अब तक आकर्षित निवेश केवल शहरी इलाकों तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी उद्योग स्थापित हो रहे हैं. इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़े हैं और पलायन की प्रवृत्ति में कमी आई है. यह निवेश विनिर्माण, आईटी, कृषि-आधारित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, दवा निर्माण, टेक्सटाइल और पर्यटन जैसे विविध क्षेत्रों में फैला हुआ है. यह विविधता सुनिश्चित करती है कि हर तरह के कौशल और योग्यता वाले युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हों.
भ्रष्टाचार-मुक्त प्रशासन ने बढ़ाया भरोसा
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पद संभालने के बाद से ही यह स्पष्ट कर दिया था कि उनकी प्राथमिकता पारदर्शिता और सुशासन होगी. निवेशकों को भरोसा दिलाया गया कि पंजाब में किसी तरह की लालफीताशाही या भ्रष्टाचार नहीं होने दिया जाएगा. सरकार की इस सख्त नीति का असर यह हुआ कि घरेलू ही नहीं, बल्कि विदेशी निवेशक भी अब पंजाब को अपने निवेश का सुरक्षित और लाभकारी ठिकाना मानने लगे हैं. वर्तमान में जापान, अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे देशों की कंपनियों ने पंजाब में निवेश की इच्छा जताई है.
सलाहकार पैनलों से नीति निर्माण को नई दिशा
राज्य सरकार ने हाल ही में 24 सलाहकार पैनल गठित किए हैं, जिनमें अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं. इन पैनलों का कार्य उद्योगों को बढ़ावा देना, नीतियों में सुधार के सुझाव देना और निवेशकों की समस्याओं का समाधान करना है. इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि धरातल पर परिणाम देने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है.
नौकरी सृजन पर सरकार का फोकस
मुख्यमंत्री मान ने कई मौकों पर कहा है कि राज्य के युवाओं को रोजगार देना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. हर निवेश प्रस्ताव के मूल्यांकन में यह देखा जाता है कि उससे कितने रोजगार सृजित होंगे. इस वित्तीय वर्ष में हुए ₹29,480 करोड़ के निवेश से 67,672 नई नौकरियों के अवसर बनेंगे. यह नौकरियां राज्य के हर जिले और हर वर्ग के युवाओं के लिए उपलब्ध होंगी. इससे पंजाब के हजारों परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा और आर्थिक गतिविधियों में नई जान आएगी.
भविष्य की राह और संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पंजाब में निवेश की यह गति जारी रही, तो अगले दो से तीन वर्षों में राज्य की आर्थिक तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी. पंजाब न केवल रोजगार के मामले में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि भारत के औद्योगिक मानचित्र पर एक सशक्त स्थान भी हासिल करेगा. मान सरकार की निवेश-उन्मुख नीतियां, ईमानदार शासन व्यवस्था और आधुनिक डिजिटल सुविधाएं इस दिशा में नींव का काम कर रही हैं.
पंजाब में अब न केवल खेतों में फसलें लहलहा रही हैं, बल्कि उद्योगों की नई फसल भी तेजी से बढ़ रही है. यह निवेश और रोजगार की क्रांति राज्य के आर्थिक पुनर्जागरण का प्रतीक बन चुकी है. अगर यही रफ्तार बनी रही, तो आने वाले वर्षों में पंजाब विकास और समृद्धि का नया केंद्र बन जाएगा.