ग्लोबल सिख काउंसिल ने तख़्तों की प्रभुसत्ता, विरासती स्थलों और भारत में सेवा कार्यों के लिए लिया बड़ा निर्णय

Global Sikh Council: विश्व स्तर पर सिख समुदाय की एकता और धार्मिक प्राथमिकताओं को सुदृढ़ बनाने के लिए 28 देशों की राष्ट्रीय सिख संस्थाओं की प्रतिनिधि संस्था ग्लोबल सिख काउंसिल (GSC) ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं.

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Chandigarh: विश्व स्तर पर सिख समुदाय की एकता और धार्मिक प्राथमिकताओं को सुदृढ़ बनाने के लिए 28 देशों की राष्ट्रीय सिख संस्थाओं की प्रतिनिधि संस्था ग्लोबल सिख काउंसिल (GSC) ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. वार्षिक आम सभा (AGM) के ऑनलाइन तीन घंटे से अधिक चले सत्र में पाकिस्तान में सिख विरासती स्थलों के संरक्षण, भारत में तख़्तों की प्रभुसत्ता और सामाजिक सेवा संबंधी पहलों पर गहन विचार-विमर्श हुआ.

भारत में ट्रस्ट की स्थापना और एफ.सी.आर.ए. प्रमाणपत्र

GSC की प्रधान डॉ. कंवलजीत कौर की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारत में एक पंजीकृत ट्रस्ट स्थापित किया जाएगा. इस ट्रस्ट का उद्देश्य सिख समुदाय की पारदर्शी सेवा करना, बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराना और परोपकारी कार्यों में सहयोग जुटाना होगा. ट्रस्ट विदेशी योगदान प्राप्त करने के लिए एफ.सी.आर.ए. (Foreign Contribution Regulation Act) प्रमाणपत्र भी प्राप्त करेगा.

तख़्तों की स्वतंत्रता और आध्यात्मिक अधिकार

बैठक में प्रमुख मुद्दों में से एक भारत में स्थित श्री हजूर साहिब और श्री पटना साहिब तख़्तों की प्रभुसत्ता थी. काउंसिल ने इन धार्मिक स्थलों को राज्य सरकारों के प्रशासनिक नियंत्रण से मुक्त कराने और पुराने गुरुद्वारा कानूनों में संशोधन के लिए स्थानीय संगत के नेतृत्व वाली पहलों का समर्थन करने का फैसला किया.

धार्मिक मामलों पर शोध और स्पष्टता

GSC की धार्मिक मामलों की समिति के चेयरमैन डॉ. करमिंदर सिंह ने तख़्तों की स्वतंत्रता, मान-सम्मान और आध्यात्मिक अधिकारों को लेकर विस्तृत शोध प्रस्तुत किया. उन्होंने राजनीतिक दखलंदाजी से मुक्त और पंथक एकता आधारित दृष्टिकोण अपनाने की वकालत की. वहीं, कानूनी मामलों की समिति के चेयरपर्सन जगीर सिंह ने ‘संत’ और ‘ब्रह्मज्ञानी’ उपाधियों के गुरबाणी-आधारित अर्थों पर शोध प्रस्तुत किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि दिव्य अवस्था और स्वयंघोषित उपाधियों में अंतर होना चाहिए ताकि संगत भ्रमित न हो.

मानवतावादी राहत कार्यों पर ध्यान

बैठक में खज़ांची हरसरन सिंह ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों, खासकर फिरोज़पुर और फाजिल्का जिलों में किसानों और सीमावर्ती निवासियों की कठिन परिस्थितियों का विवरण प्रस्तुत किया. काउंसिल ने विश्व स्तर पर सिख संस्थाओं से समन्वित राहत कार्यों में सहयोग की अपील की.

पाकिस्तान में विरासती स्थलों का संरक्षण
 

विरासत समिति के चेयरमैन यसपाल सिंह बैस (अमेरिका) ने पाकिस्तान में ऐतिहासिक सिख स्थलों के संरक्षण पर रिपोर्ट पेश की. उन्होंने Evacuee Trust Property Board और पाकिस्तान के पुरातत्व विभाग के सहयोग की सराहना की और उपेक्षित गुरुद्वारों और विरासती स्थलों की निरंतर निगरानी व अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर ज़ोर दिया.

भविष्य की योजनाओं का रोडमैप

डॉ. कंवलजीत कौर, सचिव हरजीत सिंह ग्रेवाल और खज़ांची हरसरन सिंह ने जी.एस.सी. द्वारा आने वाले समय में किए जाने वाले धार्मिक सुधारों, मानवीय मदद और अन्य पहलों के लिए स्पष्ट रोडमैप साझा किया. बैठक के समापन पर उप-प्रधान राम सिंह बम्बे ने प्रतिनिधियों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह सत्र आध्यात्मिक दृष्टि से ज्ञानवर्धक होने के साथ-साथ सिख समुदाय की सेवा और एकता के प्रति GSC की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. काउंसिल ने यह भी घोषणा की कि अगली वार्षिक आम सभा (AGM) नवंबर 2026 के मध्य चंडीगढ़ में आयोजित की जाएगी.