बाढ़ पीड़ितों के साथ चट्टान की तरह खड़ी पंजाब सरकार! रोजगार के लिए खोला मदद का खजाना, परिवारों को मिली आर्थिक सहायता!

पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ ने सैकड़ों गांवों को तबाह कर दिया है, हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई और लाखों लोग बेघर हो गए. ऐसे कठिन हालात में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हर स्तर पर काम कर रही है. सरकार न केवल तत्काल राहत पहुंचा रही है बल्कि प्रभावित परिवारों के रोजगार और पुनर्वास पर भी खास ध्यान दे रही है.

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भारी बारिश और बाढ़ से जूझ रहे पंजाब के लोगों के लिए सबसे बड़ी ताकत इस समय सरकार का सहयोग बन रहा है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने अधिकारियों और कैबिनेट मंत्रियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी परिवार अपने आप को अकेला न महसूस करे. इसी कड़ी में राहत सामग्री के साथ-साथ बाढ़ प्रभावित परिवारों को रोजगार दोबारा शुरू करने में मदद दी जा रही है, ताकि उनकी जिंदगी फिर से पटरी पर लौट सके.

मोची परिवारों को मिली नई उम्मीद

हल्का भोआ के गांव कोहलियां अड्डा में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर देखने को मिला. यहां रावी नदी के उफान ने कई घर और कारोबार तबाह कर दिए. खासकर मोची का काम करने वाले दो परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो गए थे. उनका सारा सामान पानी में बह गया था. कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने मौके पर पहुंचकर इन परिवारों की मदद की. एक परिवार को रोजगार के लिए जरूरी औजार और नए जूते दिए गए, वहीं दूसरे परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की गई. इससे दोनों परिवारों को दोबारा काम शुरू करने का हौसला मिला.

राहत सामग्री का वितरण

सरकार केवल आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि जरूरी जीवनोपयोगी सामान भी मुहैया करा रही है. अब तक प्रभावित गांवों में 400 से अधिक बिस्तर, गद्दे, मच्छरदानी, गैस सिलेंडर और अन्य जरूरत का सामान वितरित किया जा चुका है. इससे परिवारों को तत्काल राहत मिली है और उनके लिए अस्थायी रूप से जीवन आसान हुआ है. मंत्री कटारूचक्क ने आश्वासन दिया कि किसी भी परिवार को बेसहारा नहीं छोड़ा जाएगा.

सरकार का दीर्घकालिक विजन

पंजाब सरकार का ध्यान केवल तात्कालिक मदद तक सीमित नहीं है. मुख्यमंत्री मान ने साफ कहा है कि पीड़ित परिवारों के आवास और रोजगार की पूरी जिम्मेदारी सरकार उठाएगी. बाढ़ प्रभावित लोगों का पुनर्वास सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है. यह कदम बताता है कि प्रशासन केवल आपदा राहत तक सीमित नहीं है, बल्कि दीर्घकालिक समाधान की दिशा में काम कर रहा है.

संवेदनशील साझेदारी का उदाहरण

सरकार की इस पहल से स्पष्ट होता है कि यह केवल राजनीतिक वादे नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर किया गया वास्तविक काम है. जब दो मोची परिवारों को फिर से रोज़गार की राह दिखाई गई, तो यह संदेश भी गया कि सरकार हर वर्ग के साथ खड़ी है. यह सहायता केवल पैसा या सामान नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और उम्मीद है. पंजाब सरकार ने यह साबित किया है कि वह लोगों के दुःख-सुख की सच्ची साझेदार है.