India vs Australia: सिडनी वनडे में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिला, जहां एक बार फिर विराट कोहली ने अपनी फुर्ती और अनुभव से टीम इंडिया को मुश्किल स्थिति से बाहर निकाला. ऑस्ट्रेलियाई पारी के दौरान कोहली ने मैथ्यू शॉर्ट का ऐसा शानदार कैच पकड़ा जिसने मैच का रुख ही बदल दिया. कोहली का यह कैच न सिर्फ देखने में शानदार था, बल्कि उसने कप्तान शुभमन गिल की गलती पर भी पर्दा डाल दिया.
जानिए मैच के कुछ खास पल की
दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई पारी के 10वें ओवर में एक ऐसा मौका आया, जब भारत आसानी से मैथ्यू शॉर्ट का विकेट ले सकता था. उस समय शॉर्ट का खाता भी नहीं खुला था. ओवर की चौथी गेंद पर शॉर्ट रन लेने के लिए तेजी से दौड़े, लेकिन उनके साथी मिचेल मार्श ने उन्हें रोकने की कोशिश की. फिर भी शॉर्ट पिच तक काफी आगे निकल गए थे. उस समय अगर कप्तान शुभमन गिल का थ्रो सीधा स्टंप पर लगता, तो ऑस्ट्रेलिया का पहला विकेट शून्य पर गिर जाता. लेकिन गिल अपने निशाने से चूक गए और शॉर्ट को जीवनदान मिल गया. इस गलती से भारतीय खेमे में निराशा जरूर छा गई, क्योंकि शॉर्ट ने इसके बाद क्रीज पर टिककर रन जोड़ने शुरू कर दिए.
मैथ्यू शॉर्ट ने जीवनदान का पूरा फायदा उठाते हुए 41 गेंदों में 2 चौकों की मदद से 30 रन बनाए. हालांकि, जब लगने लगा था कि वे और बड़ा स्कोर बना सकते हैं, तभी विराट कोहली ने एक अद्भुत कैच पकड़कर भारतीय टीम को बड़ी राहत दी. यह घटना ऑस्ट्रेलियाई पारी के 23वें ओवर की थी, जब वॉशिंगटन सुंदर गेंदबाजी कर रहे थे. सुंदर की स्पिन पर शॉर्ट ने तेज शॉट खेलने की कोशिश की, लेकिन गेंद बेहद तेजी से कोहली की दिशा में गई. कोहली ने पीछे की ओर झुकते हुए गेंद को अपनी दोनों हथेलियों में लपका और इसी कैच से ऑस्ट्रेलिया को तीसरा झटका लगा.
Reflexes at peaks🔥 pic.twitter.com/hZZ4r08f5e
— KOHLIFIED REBEL (@Kingtweeets) October 25, 2025
फील्ड में भारत ने किया बड़ी चूक
कोहली का यह कैच भले ही टीवी पर आसान नजर आया हो, लेकिन यह बेहद कठिन प्रयास था. गेंद गोली की रफ्तार से आई थी और कोहली को बेहद कम समय में प्रतिक्रिया देनी थी. उनकी चुस्ती और हाथों की मजबूती ने एक संभावित चौके को विकेट में बदल दिया. इस शानदार प्रयास से कोहली ने न सिर्फ गिल की रनआउट चूक पर पर्दा डाल दिया, बल्कि टीम इंडिया को भी 30 रन के नुकसान से बचा लिया.
मैदान पर कोहली की ऊर्जा, फिटनेस और समर्पण ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वे केवल रन मशीन ही नहीं, बल्कि मैदान के सबसे भरोसेमंद फील्डर भी हैं. उनके इस प्रयास से मैच में भारत का मनोबल बढ़ा और टीम ने नियंत्रण दोबारा हासिल किया.