नई दिल्ली: भारतीय बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन ने रविवार को सिडनी में खेले गए ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर 500 टूर्नामेंट का पुरुष एकल खिताब अपने नाम कर लिया. फाइनल मुकाबले में उन्होंने जापान के युवा खिलाड़ी युशी तनाका को सीधे गेमों में 21-15, 21-11 से हराकर साल 2025 का अपना पहला खिताब जीता.
इस जीत के साथ ही लक्ष्य ने पूरे साल चले खिताबी सूखे को खत्म कर दिया. उन्होंने ट्रॉफी जीतने के बाद अपने अंदाज में जश्न में मनाया और इस साल का पहला खिताब अपने नाम कर लिया.
मुकाबला सिर्फ 38 मिनट तक चला. लक्ष्य शुरू से ही आक्रामक और तेज नजर आए. उनकी गति और सटीक स्मैश ने तनाका को कोई मौका नहीं दिया. पहला गेम 21-15 से जीतने के बाद दूसरे गेम में तो लक्ष्य ने पूरी तरह दबदबा बनाया और 21-11 से आसानी से गेम और मैच अपने नाम कर लिया.
जीत के बाद लक्ष्य ने अपना मशहूर अंदाज दिखाया दोनों उंगलियाँ कानों में डालकर बाहर की आवाजों को बंद करने का इशारा किया. इसके बाद कोर्ट के किनारे खड़े अपने कोच यू योंग सुंग और पिता डी.के. सेन के साथ गले मिले. सबसे भावुक पल तब आया जब पिता ने लक्ष्य को गोद में उठा लिया और खुशी से झूला दिया.
इस जीत की चमक और भी खास इसलिए है क्योंकि एक दिन पहले ही लक्ष्य ने सेमीफाइनल में दुनिया के नंबर-6 खिलाड़ी और दूसरी वरीयता प्राप्त चीनी ताइपे के चोउ तिएन चेन को कड़े संघर्ष के बाद हराया था. वह मुकाबला 86 मिनट तक चला था.
पहला गेम 17-21 से हारने के बाद दूसरे गेम में लक्ष्य 22-24 से पीछे थे लेकिन शानदार वापसी करते हुए 24-22 से गेम जीता और फिर निर्णायक गेम में भी जीत हासिल की. इतने थका देने वाले मुकाबले के बाद भी फाइनल में उनका खेल देखकर कोई नहीं कह सकता था कि वे थके हुए हैं.
टूर्नामेंट की शुरुआत से ही लक्ष्य अच्छी लय में थे. दूसरे राउंड में ताइवान के ची यू जेन को तीन गेम में हराया. क्वार्टर फाइनल में साथी भारतीय खिलाड़ी आयुष शेट्टी को सीधे गेमों में मात दी. सेमीफाइनल और फाइनल में तो उनका खेल चरम पर रहा.
2024 पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक से सिर्फ एक कदम दूर रह जाने का दर्द लक्ष्य को लंबे समय तक परेशान करता रहा. इस साल की शुरुआत में चोटें और लगातार जल्दी बाहर होना उनकी मुश्किलें बढ़ा रहा था.