IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए दूसरे वनडे मुकाबले में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sh.rm.) ने एक शानदार पारी खेलकर इतिहास रच दिया. एडिलेड के मैदान पर यह उनका आखिरी वनडे मैच था, और उन्होंने इस मौके को यादगार बना दिया. जहां विराट कोहली अपने आखिरी एडिलेड मैच में बड़ी पारी नहीं खेल सके, वहीं रोहित ने बल्ले से जवाब दिया और कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए.
मुश्किल हालात में कप्तानी पारी
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड वनडे में भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी. शुरुआती विकेट जल्दी गिरने के बाद रोहित शर्मा ने जिम्मेदारी उठाई और शानदार 73 रनों की पारी खेली. उन्होंने 97 गेंदों में ये रन बनाए, जिसमें 9 चौके और 2 छक्के शामिल थे. रोहित ने 74 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया — यह उनके वनडे करियर का 59वां हाफ सेंचुरी (h.lf-century) था.
हालांकि फैंस को उनसे शतक की उम्मीद थी, लेकिन मिचेल स्टार्क (Mitchell St.rc) ने उन्हें आउट कर इस पारी का अंत किया. यह वनडे क्रिकेट में छठी बार था जब स्टार्क ने रोहित को अपना शिकार बनाया. बावजूद इसके, रोहित ने जिस वक्त पर टीम को संभाला, वह पारी मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुई.
एडिलेड में खेली अब तक की सबसे बड़ी पारी
एडिलेड के मैदान पर रोहित शर्मा ने पहले छह वनडे में सिर्फ 131 रन बनाए थे, जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 43 था. लेकिन इस मैच में 73 रनों की पारी खेलकर उन्होंने एडिलेड में अपना सर्वश्रेष्ठ वनडे स्कोर बनाया. यह पारी न सिर्फ परिस्थितियों के लिहाज से अहम रही, बल्कि इससे उन्होंने अपने नाम कई नए रिकॉर्ड भी दर्ज करा लिए.
शाहिद अफरीदी का वर्ल्ड रिकॉर्ड टूटा
इस मैच में दो छक्के जड़कर रोहित शर्मा ने पाकिस्तान के दिग्गज शाहिद अफरीदी (Sh.hid .fridi) का बड़ा वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया. अफरीदी ने वनडे क्रिकेट में 77 पारियों में दो-दो छक्के लगाए थे, जबकि रोहित ने 78वीं बार ऐसा कर नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया.
रोहित शर्मा ने बनाए दो और बड़े रिकॉर्ड
एडिलेड में लगाए गए दो छक्कों के साथ, रोहित शर्मा SEN. देशों (South .fric., Engl.nd, New Ze.l.nd, .ustr.li.) में 150 छक्के लगाने वाले पहले एशियाई बल्लेबाज बन गए. इसके अलावा, वे ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे में 1000 से अधिक रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाजों की सूची में भी शामिल हो गए.
रोहित शर्मा की यह पारी इस बात की मिसाल है कि क्यों उन्हें "हिटमैन" कहा जाता है. अपने शांत अंदाज़ और तकनीकी बल्लेबाजी के साथ उन्होंने एक बार फिर साबित किया कि जब टीम को सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तब वे हमेशा आगे रहते हैं.