Indian Cricket: भारतीय क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जिन्होंने चोट और दर्द को पीछे छोड़कर मैदान पर अपनी टीम के लिए अनुकरणीय प्रदर्शन किया. हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट में ऋषभ पंत की बहादुरी ने प्रशंसकों का दिल जीत लिया. चोटिल होने के बावजूद उन्होंने मैदान पर वापसी की और शानदार प्रदर्शन किया.
लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब भारतीय खिलाड़ियों ने दर्द को दरकिनार कर देश का नाम रोशन किया. आइए, उन पांच दिग्गजों की कहानी जानते हैं, जिन्होंने अपनी जुझारू भावना से क्रिकेट इतिहास में अमर छाप छोड़ी.
कपिल देव: 1981 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत
1983 वर्ल्ड कप के नायक कपिल देव ने 1980-81 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपनी हिम्मत का लोहा मनवाया. तीसरे टेस्ट में हैमस्ट्रिंग की चोट के बावजूद उन्होंने दमदार प्रदर्शन किया. भारत ने पहली पारी में 237 और दूसरी पारी में 324 रन बनाए, जबकि ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 143 रनों का लक्ष्य मिला.
कपिल ने पेनकिलर इंजेक्शन लेकर गेंदबाजी की और 28 रन देकर 5 विकेट चटकाए. उनकी इस गेंदबाजी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया 83 रनों पर ढेर हो गया, और भारत ने 59 रनों से जीत हासिल की. कपिल की यह जुझारू पारी आज भी प्रेरणा देती है.
अनिल कुंबले: 2002 में टूटे जबड़े के साथ लारा का विकेट
2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ एंटीगा टेस्ट में अनिल कुंबले ने साहस की मिसाल पेश की. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. पट्टी बांधकर गेंदबाजी करने उतरे कुंबले ने दिग्गज ब्रायन लारा का विकेट लिया. हालांकि यह मैच ड्रॉ रहा, लेकिन कुंबले की यह बहादुरी क्रिकेट प्रेमियों के लिए अविस्मरणीय है.
युवराज सिंह: 2011 वर्ल्ड कप में कैंसर के बीच चमका सितारा
2011 वर्ल्ड कप में युवराज सिंह ने असाधारण प्रदर्शन किया. वेस्टइंडीज के खिलाफ ग्रुप स्टेज में उल्टी और स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद उन्होंने 113 रनों की शानदार पारी खेली, जिससे भारत ने 80 रनों से जीत दर्ज की. पूरे टूर्नामेंट में युवराज ने 362 रन बनाए और 15 विकेट लिए. बाद में पता चला कि वह कैंसर से जूझ रहे थे, फिर भी उनकी जुझारू पारी ने भारत को वर्ल्ड कप जिताने में अहम भूमिका निभाई.
रोहित शर्मा: 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ जोशीली पारी
2022 में बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे वनडे में रोहित शर्मा ने चोटिल उंगली के साथ बल्लेबाजी कर प्रशंसकों का दिल जीता. फील्डिंग के दौरान चोट लगने के कारण वह ओपनिंग नहीं कर सके, लेकिन जब भारत मुश्किल में था, तब 43वें ओवर में बल्लेबाजी के लिए उतरे. 28 गेंदों में 51 रन (3 चौके, 5 छक्के) की नाबाद पारी खेली, लेकिन भारत 5 रनों से हार गया. रोहित की यह पारी उनके नेतृत्व और जज्बे का प्रतीक बनी.
ऋषभ पंत: 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ दमदार वापसी
हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट में ऋषभ पंत ने चोट के बावजूद शानदार अर्धशतक जड़ा. पहले दिन क्रिस वोक्स की गेंद उनके पैर पर लगी, और उन्हें अस्पताल ले जाया गया. माना जा रहा था कि वह मैच से बाहर हो जाएंगे, लेकिन पंत ने हिम्मत दिखाई और दूसरे दिन बल्लेबाजी कर भारत को मजबूती दी. उनकी यह पारी प्रशंसकों के लिए प्रेरणा बन गई.