PM Modi Deepfake Video: पटना हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन मोदी से जुड़े एक डीपफेक वीडियो को लेकर सख्त कदम उठाया है. कोर्ट ने सभी सोशल मीडिया मंचों को इस विवादास्पद वीडियो को तत्काल हटाने का निर्देश दिया है. यह महत्वपूर्ण आदेश कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश पी.बी. बजंतरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान पारित किया.
बिहार कांग्रेस ने शेयर किया था विवादित वीडियो
बिहार कांग्रेस ने हाल ही में एक एआई-जनरेटेड वीडियो अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर साझा किया था. इस वीडियो में पीएम मोदी और उनकी मां हीराबेन को दिखाया गया था, जिसका उद्देश्य पीएम मोदी की राजनीतिक छवि पर निशाना साधना था. वीडियो में हीराबेन को यह कहते हुए दिखाया गया कि पीएम मोदी ने नोटबंदी के दौरान उन्हें लंबी कतारों में खड़ा किया और अब उनके नाम पर राजनीति कर रहे हैं. वीडियो में कथित तौर पर हीराबेन कहती हैं, “बेटा, तुम मेरे नाम पर बैनर-पोस्टर छपवाकर मेरा अपमान कर रहे हो. राजनीति में कितना गिरोगे?” यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ और विवाद का केंद्र बन गया.
बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया
वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बिहार कांग्रेस की कड़ी आलोचना की. बीजेपी ने इसे पीएम मोदी और उनकी स्वर्गवासी मां की छवि को धूमिल करने की साजिश करार दिया. पार्टी ने कहा कि इस तरह का वीडियो न केवल पीएम का अपमान करता है, बल्कि मातृत्व जैसे पवित्र रिश्ते का भी उपहास उड़ाता है. इस मुद्दे ने राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया, जिसके बाद दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया.
दिल्ली बीजेपी नेता ने दर्ज कराई FIR
दिल्ली के बीजेपी नेता संकेत गुप्ता ने इस डीपफेक वीडियो के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की. उन्होंने बिहार कांग्रेस और उसकी आईटी सेल के खिलाफ FIR दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि वीडियो के जरिए पीएम मोदी की छवि को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई. FIR में यह भी उल्लेख किया गया कि यह वीडियो मातृत्व के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला है.
कोर्ट का सख्त रुख
पटना हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को वीडियो हटाने का आदेश दिया. कोर्ट के इस फैसले को डीपफेक तकनीक के दुरुपयोग के खिलाफ एक मजबूत कदम माना जा रहा है. यह मामला न केवल तकनीकी दुरुपयोग को उजागर करता है, बल्कि राजनीतिक दलों के बीच नैतिकता और जिम्मेदारी के सवाल भी उठाता है.