इंदौर, जो भारत का सबसे स्वच्छ शहर माना जाता है, वहां दूषित पानी की वजह से एक गंभीर स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो गया है. शहर के भागीरथपुरा इलाके में नल से आने वाले गंदे पानी ने कम से कम 7 लोगों की जान ले ली है, जबकि 40 से अधिक लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ चुके हैं.
मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि आधिकारिक आंकड़े भले ही 3 मौतें बता रहे हों, लेकिन वास्तविक संख्या 7 तक पहुंच चुकी है. 24 दिसंबर से उल्टी और दस्त के मामले तेजी से बढ़ने लगे, जिससे 1000 से ज्यादा निवासियों को चिकित्सा सहायता की जरूरत पड़ी. स्थानीय लोगों ने बताया कि घरों में आने वाला पानी बदबूदार और गंदा था, जो इस त्रासदी का मुख्य कारण बना.
इस घटना के पीछे अधिकारियों की घोर लापरवाही सामने आई है. भागीरथपुरा के निवासियों ने कई दिनों से दूषित पानी की सप्लाई की शिकायत की थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. एक स्थानीय युवक ने बताया कि समस्या पिछले छह महीनों से बनी हुई थी और अधिकारियों को बार-बार सूचित करने के बावजूद ध्यान नहीं दिया गया. नतीजतन, बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जिनमें से कई गंभीर रूप से बीमार पड़ गए. निवासियों का आरोप है कि अगर समय पर कार्रवाई होती, तो इतनी बड़ी तबाही टाली जा सकती थी.
स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की प्रारंभिक जांच में चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं. इलाके को पानी सप्लाई करने वाली मुख्य पाइपलाइन एक सार्वजनिक शौचालय के नीचे से गुजरती है, जहां लीकेज के कारण सीवेज का पानी पीने के पानी में मिल गया. इसके अलावा, कई जगहों पर टूटी हुई वितरण लाइनें पाई गईं, जिससे दूषित पानी सीधे घरों तक पहुंचा. अधिकारियों ने बताया कि नर्मदा नदी से आने वाला पानी इस लापरवाही का शिकार बना. दिलचस्प बात यह है कि नई मुख्य पाइपलाइन बिछाने के लिए 2.5 करोड़ रुपये का टेंडर चार महीने पहले मंजूर हो चुका था, लेकिन अब तक कोई काम शुरू नहीं हुआ.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए तीन नगर निगम अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए. एक जोनल अधिकारी और एक सहायक इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया, जबकि एक उप-इंजीनियर की सेवाएं समाप्त कर दी गईं. घटना की गहन जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है, जो जल्द रिपोर्ट सौंपेगी. इसके अलावा, मृतकों के परिवारों को दो लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई है. अधिकारियों ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद और कड़ी कार्रवाई की जाएगी.