अलास्का में ट्रंप-पुतिन की ऐतिहासिक बैठक, एक कमरे में 7000 परमाणु हथियारों का नियंत्रण

छह साल बाद हो रही यह मुलाकात चार घंटे तक चलेगी, जिसमें दोनों नेताओं के पास विश्व के 7000 परमाणु हथियारों का नियंत्रण होगा.

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Trump-Putin meeting: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज अलास्का के एंकोरेज में स्थित एलमेनडॉर्फ-रिचर्डसन मिलिट्री बेस पर एक ऐतिहासिक मुलाकात करने जा रहे हैं. छह साल बाद हो रही यह मुलाकात चार घंटे तक चलेगी, जिसमें दोनों नेताओं के पास विश्व के 7000 परमाणु हथियारों का नियंत्रण होगा.

नागासाकी एटॉमिक रिसर्च संस्था के अनुसार, रूस के पास 4,310 न्यूक्लियर वॉरहेड्स हैं, जबकि अमेरिका के पास लगभग 3,900 परमाणु हथियार हैं. यह मुलाकात वैश्विक सुरक्षा और कूटनीति के लिहाज से अहम मानी जा रही है.

पुतिन की सुरक्षा और रूस का ‘चेगेट’ ब्रीफकेस

फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन को शायद ही किसी विदेशी धरती पर देखा गया हो. अलास्का में उनकी सुरक्षा के लिए रूस की फेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस (FSO) की विशेष इकाई तैनात रहेगी. पुतिन के बॉडीगार्ड्स के पास बुलेटप्रूफ सूटकेस होंगे, जो हमले की स्थिति में ढाल के रूप में काम करेंगे.

इनके साथ रूस का परमाणु ब्रीफकेस ‘चेगेट’ भी होगा, जिसका नाम काकेशस पर्वत के माउंट चेगेट से प्रेरित है. यह ब्रीफकेस रूसी नौसेना के एक अधिकारी के पास रहता है और इसमें एक कम्युनिकेशन डिवाइस होता है, जो परमाणु हमले का आदेश देने में सक्षम है. रिमोट ब्लास्ट से बचाने के लिए इसमें जैमर भी लगे हैं.

अमेरिका का ‘न्यूक्लियर फुटबॉल’

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ ‘न्यूक्लियर फुटबॉल’ नामक ब्रीफकेस होगा, जिसे आधिकारिक रूप से प्रेसिडेंशियल इमरजेंसी सैचेल कहते हैं. यह ब्रीफकेस व्हाइट हाउस सिचुएशन रूम या प्रेसिडेंशियल इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर से परमाणु हमले का आदेश देने की सुविधा प्रदान करता है.

इसमें एक ‘बिस्किट’ कार्ड होता है, जिसमें न्यूक्लियर लॉन्च कोड्स दर्ज होते हैं. यह ब्रीफकेस हमेशा ट्रंप के साथ रहता है और इसे एक सैन्य अधिकारी संभालता है.

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

इस मुलाकात के दौरान एलमेनडॉर्फ-रिचर्डसन बेस पर रूसी और अमेरिकी विशेष एजेंटों का कड़ा सुरक्षा घेरा होगा. यह बेस अमेरिकी वायुसेना, थलसेना, नौसेना, मरीन कोर और नेशनल गार्ड्समैन से सुसज्जित है. दोनों नेताओं की सुरक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.