ब्रिटेन में यहूदी समुदाय पर बढ़ता खतरा! असुरक्षा की भावना चार गुना बढ़ी, सर्वे में बड़ा खुलासा

ब्रिटेन में यहूदी समुदाय एक बार फिर आतंक और असुरक्षा की चपेट में है.मैनचेस्टर में यहूदी प्रार्थना स्थल (सिनागॉग) के बाहर हुए हालिया आतंकी हमले ने पूरे देश में सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है.

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UK Jewish attacks: ब्रिटेन में यहूदी समुदाय एक बार फिर आतंक और असुरक्षा की चपेट में है.मैनचेस्टर में यहूदी प्रार्थना स्थल (सिनागॉग) के बाहर हुए हालिया आतंकी हमले ने पूरे देश में सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है. यह हमला उस समय हुआ, जब बड़ी संख्या में लोग पवित्र योम किप्पुर पर्व पर प्रार्थना के लिए इकट्ठा हुए थे.हमलावर ने पहले भीड़ पर कार चढ़ा दी और फिर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी.इस घटना ने ब्रिटेन में यहूदियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

सर्वे ने खोली असुरक्षा की हकीकत

इंस्टिट्यूट फॉर ज्यूइश पॉलिसी रिसर्च (JPR) द्वारा जून-जुलाई 2025 में किए गए सर्वे में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं.रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 में ब्रिटेन के 35% यहूदियों ने कहा कि वे अपने ही देश में असुरक्षित महसूस करते हैं. वहीं, 2023 में यह आंकड़ा सिर्फ 9% था.यानी दो साल में असुरक्षा की भावना लगभग चार गुना बढ़ी है.

एंटीसैमिटिज़्म (यहूदी-विरोधी भावनाओं) के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं.2012 में केवल 11% लोग इसे बड़ी समस्या मानते थे, जबकि 2025 में यह संख्या 47% तक पहुँच गई. इसके अलावा 2024 में लगभग 32% यहूदियों ने स्वीकार किया कि वे कम से कम एक बार यहूदी-विरोधी हमले या भेदभाव का शिकार हो चुके हैं.

लंदन और मैनचेस्टर बने हॉटस्पॉट

कम्युनिटी सिक्योरिटी ट्रस्ट (CST) की रिपोर्ट बताती है कि जनवरी से जून 2025 के बीच यूके में 1,521 यहूदी-विरोधी घटनाएँ दर्ज की गईं. यह किसी भी साल की पहली छमाही का दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है.इससे पहले 2024 में रिकॉर्ड स्तर पर 2,019 मामले सामने आए थे.

इन घटनाओं का सबसे बड़ा केंद्र लंदन और मैनचेस्टर बने, जहाँ यहूदी आबादी सबसे अधिक है. औसतन हर महीने 200 से ज्यादा मामले दर्ज हुए. जून 2025 में ही 326 घटनाएँ रिपोर्ट की गईं, जब गाजा युद्ध और इजराइल-ईरान तनाव चरम पर था.

इजराइल से भावनात्मक जुड़ाव और आलोचना दोनों

इस संकटपूर्ण माहौल में ब्रिटिश यहूदियों का अपने धर्म और संस्कृति से जुड़ाव और मजबूत हुआ है. सर्वे के अनुसार, 2023 में 72% यहूदी खुद को इजराइल से भावनात्मक रूप से जुड़ा मानते थे, जो 2025 में बढ़कर 75% हो गया.वहीं, “बहुत गहरा जुड़ाव” महसूस करने वालों का प्रतिशत 40% से बढ़कर 49% तक पहुँच गया.

हालाँकि, इसके समानांतर इजराइल की नीतियों की आलोचना भी बढ़ रही है.2025 में 51% यहूदियों ने माना कि गाजा में इजराइल का रवैया यहूदी मूल्यों से मेल नहीं खाता.2024 में यह आंकड़ा केवल 40% था.विशेषकर युवा यहूदियों में एंटी-ज़ायनिस्ट सोच बढ़ रही है. 20 से 29 साल की उम्र के 24% युवाओं ने खुद को एंटी-जायनिस्ट बताया, जबकि 2022 में यह संख्या सिर्फ 13% थी.

यहूदियों पर हमले क्यों बढ़ रहे हैं?

सीएसटी का मानना है कि अधिकांश घटनाएँ सीधे तौर पर इजराइल-गाजा युद्ध और 7 अक्टूबर 2023 के हमलों से जुड़ी हुई हैं.लगभग 51% मामलों में इन मुद्दों का संदर्भ मिला. कई बार “जायनिस्ट” शब्द को अपमानजनक तरीके से इस्तेमाल किया गया और 172 घटनाओं में इजराइल की तुलना नाजियों से की गई.

ब्रिटेन का यहूदी समाज आज सबसे चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है.एक तरफ धार्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव मजबूत हो रहा है, तो दूसरी तरफ बढ़ते हमले उनकी असुरक्षा को और गहरा कर रहे हैं. मैनचेस्टर हमले ने यह साफ कर दिया है कि ब्रिटेन में यहूदी समुदाय को सुरक्षा देने के लिए सरकार और एजेंसियों को और सख्त कदम उठाने होंगे.