कंबोडिया-थाईलैंड सीमा पर तनाव, अमेरिकी सीजफायर की अपील बेअसर, झड़पें जारी

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार से शुरू हुई इस हिंसा में अब तक कम से कम 32 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि लगभग दो लाख लोग विस्थापित हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और चीन की शांति की अपील भी इस तनाव को रोकने में नाकाम रही है.

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Cambodia-Thailand War: कंबोडिया और थाईलैंड के बीच पिछले चार दिनों से चल रही हिंसक झड़पों ने क्षेत्रीय शांति को खतरे में डाल दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शनिवार रात की गई युद्धविराम की अपील के बावजूद रविवार को भी दोनों देशों के बीच गोलीबारी जारी रही.

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार से शुरू हुई इस हिंसा में अब तक कम से कम 32 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि लगभग दो लाख लोग विस्थापित हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और चीन की शांति की अपील भी इस तनाव को रोकने में नाकाम रही है. दोनों देश एक-दूसरे पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा रहे हैं.

थाईलैंड का सैन्य अभियान जारी

थाईलैंड सरकार ने युद्धविराम की घोषणा के कुछ घंटों बाद ही स्पष्ट कर दिया कि वह सैन्य अभियान रोकने को तैयार नहीं है. थाई अधिकारियों ने कंबोडिया पर सुरिन प्रांत और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिक इलाकों पर भारी गोलाबारी का आरोप लगाया.

थाई विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, “कंबोडिया द्वारा मानवाधिकारों और मानवीय कानूनों का बार-बार उल्लंघन अस्वीकार्य है.” दूसरी ओर, कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय का दावा है कि थाईलैंड ने रविवार तड़के ड्रोन, टैंक, क्लस्टर बम और हवाई हमले किए.

यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल पर खतरा

कंबोडिया के लेफ्टिनेंट जनरल माली सोचेता ने बताया कि थाईलैंड के कुछ प्रोजेक्टाइल्स उत्तरी प्रांत में स्थित यूनेस्को विश्व धरोहर प्रीह विहिर मंदिर के पास गिरे. यह मंदिर पहले भी दोनों देशों के बीच विवाद का केंद्र रहा है.

कंबोडिया ने इसे थाईलैंड की ‘जानबूझकर की गई आक्रामकता’ करार देते हुए कड़ी निंदा की. सीजफायर की विफलता ने क्षेत्र में मानवीय संकट को और गहरा दिया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह हिंसा नहीं रुकी, तो यह वैश्विक स्तर पर एक नए युद्ध का कारण बन सकती है.