India US relations: अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को तीसरा F-404 इंजन सौंप दिया है, जो स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस मार्क-1ए के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा. यह डिलीवरी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आक्रामक रुख में नरमी के ठीक बाद आई है, जब उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों को 'विशेष' बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जल्द बातचीत का इशारा दिया. विशेषज्ञों का मानना है कि दो साल की देरी के बाद अब तेजस प्रोजेक्ट को नई गति मिलेगी, जो भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा.
ट्रंप के तेवर ढीले
ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में भारत पर 50% टैरिफ लगाकर दबाव बनाया था, खासकर रूस से तेल खरीदने को लेकर. ऑपरेशन सिंदूर में अमेरिकी मध्यस्थता को नकारने और चीन यात्रा के बाद संबंधों में खटास आई थी. लेकिन 10 सितंबर 2025 को ट्रंप ने तीसरी बार भारत की प्रशंसा की, कहा कि 'मोदी मेरा अच्छा दोस्त है और दोनों देश प्राकृतिक साझेदार हैं.' पीएम मोदी ने भी जवाब में कहा, 'भारत-अमेरिका मित्रता मजबूत है.'
इस बयानबाजी के तुरंत बाद GE ने इंजन डिलीवर किया, जो कूटनीतिक जीत का संकेत देता है. अगस्त में एक भी इंजन नहीं आया था, लेकिन अब चौथा इंजन महीने के अंत तक पहुंचने की उम्मीद है. वित्त वर्ष 2025-26 तक 99 में से 12 इंजन मिलने का लक्ष्य है, जो दो साल की देरी के बावजूद संभव लग रहा है.
10 तेजस विमान तैयार अब परीक्षण की बारी
HAL ने LCA तेजस मार्क-1ए के 10 विमान तैयार कर लिए हैं, लेकिन GE की देरी से प्रोजेक्ट प्रभावित रहा. वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने देरी पर नाराजगी जताई थी, लेकिन अब सितंबर में फायरिंग परीक्षण होगा. इसमें स्वदेशी अस्त्रा बीवीआर मिसाइल और शॉर्ट रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल का इस्तेमाल तेजस से किया जाएगा. परीक्षण सफल होने पर वायुसेना को दो विमान सौंपे जाएंगे.
अमेरिकी इंजन देरी के बावजूद HAL ने उत्पादन जारी रखा, और सरकार ने अगस्त में 97 अतिरिक्त स्वदेशी लड़ाकू विमानों की मंजूरी दी. जुलाई में पीएमओ के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा ने HAL की बैंगलोर सुविधा का दौरा कर प्रोजेक्ट की समीक्षा की, जहां दावा किया गया कि इंजन सप्लाई सुचारू होने पर मार्च 2026 तक 10 विमान डिलीवर हो सकते हैं.
देरी के बावजूद स्वदेशीकरण पर जोर
2021 में रक्षा मंत्रालय ने HAL से 83 LCA मार्क-1ए के लिए 48,000 करोड़ का करार किया था. इसके लिए GE से 99 F-404 इंजन का सौदा हुआ, लेकिन अब तक सिर्फ दो इंजन ही मिले. GE का बहाना ग्लोबल सप्लाई चेन है, लेकिन विश्लेषक इसे खालिस्तानी मुद्दों, टैरिफ युद्ध और ऑपरेशन सिंदूर से जोड़ते हैं. फिर भी, HAL ने उत्पादन क्षमता बढ़ाई है. वायुसेना की स्क्वाड्रन संख्या घट रही है, इसलिए तेजस जैसे स्वदेशी विमान जरूरी हैं. HAL का कहना है कि इंजन आने पर सालाना 24 विमान बनाने की क्षमता है.
क्या है भविष्य की राह
देरी के बावजूद भारत का स्वदेशीकरण लक्ष्य 70% तक पहुंच रहा है. GE के साथ F-414 इंजन के लिए नया समझौता हो रहा है, जिसमें 80% तकनीक हस्तांतरण होगा. तेजस मार्क-1ए की कीमत 40-50 मिलियन डॉलर है, जो निर्यात के लिए आकर्षक है. HAL अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसे प्रमोट करने को तैयार है. ट्रंप-मोदी की नई बातचीत से रक्षा सहयोग मजबूत होगा, जो भारत की 'आत्मनिर्भर भारत' पहल को बल देगा. कुल मिलाकर, यह डिलीवरी अमेरिका के सामने भारत की कूटनीतिक मजबूती का प्रतीक है.