'भारतीय पीएम साहूकार और शहबाज शरीफ चपरासी' SCO समिट की तस्वीरों पर PAK एक्सपर्ट का फूटा गुस्सा

घाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर से सामने आई तस्वीरों ने न केवल भारत की कूटनीतिक ताकत को दर्शाया, बल्कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की असहज स्थिति को भी उजागर किया.

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SCO Summit 2025: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर से सामने आई तस्वीरों ने न केवल भारत की कूटनीतिक ताकत को दर्शाया, बल्कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की असहज स्थिति को भी उजागर किया. पाकिस्तानी विशेषज्ञ ताहिर गोरा ने इन तस्वीरों पर तीखी टिप्पणी करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को 'साहूकार' और शहबाज शरीफ को 'चपरासी' की संज्ञा दी.

भारत की कूटनीतिक चमक

SCO समिट में पीएम मोदी की मौजूदगी ने भारत की वैश्विक हैसियत को और मजबूत किया. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी हंसमुख बातचीत ने दुनिया को भारत की कूटनीतिक ताकत का संदेश दिया.

पहले दिन शी जिनपिंग के साथ मुलाकात और दूसरे दिन पुतिन के साथ गर्मजोशी भरी चर्चा ने यह साबित किया कि भारत अब वैश्विक मंच पर समान स्तर का भागीदार है. ताहिर गोरा ने कहा, "मोदी, पुतिन और जिनपिंग की तिकड़ी जटिल भू-राजनीतिक मुद्दों पर सहजता से बात कर रही थी, जो भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाता है."

शहबाज शरीफ की असहज स्थिति

दूसरी ओर, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ समिट में अलग-थलग नजर आए. एक वायरल वीडियो में शरीफ को पुतिन से हाथ मिलाने के लिए दौड़ते और फिर नजरअंदाज होने का दृश्य देखने को मिला. ताहिर गोरा ने इस घटना पर तंज कसते हुए कहा, "शहबाज शरीफ पुतिन के पीछे-पीछे गए, लेकिन पुतिन ने उन्हें मुश्किल से तवज्जो दी." एक अन्य मौके पर, जब मोदी और पुतिन बातचीत में मशगूल थे, शहबाज शरीफ कोने में खड़े उन्हें निहारते रहे, जिसे गोरा ने 'चपरासी और साहूकार' का मंजर करार दिया.

पाकिस्तान में बढ़ती बेचैनी

पाकिस्तान में इन तस्वीरों ने हलचल मचा दी है. ताहिर गोरा ने पाक सेना प्रमुख आसिम मुनीर के उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने भारत को 'चमचमाती मर्सडीज' और पाकिस्तान को 'कचरे का ट्रक' बताया था. गोरा ने कहा कि SCO समिट में यह अंतर साफ दिखा, जहां भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी धाक जमाई, जबकि पाकिस्तान हाशिए पर रहा.

SCO समिट 2025 ने भारत की कूटनीतिक जीत को रेखांकित किया. पीएम मोदी की विश्व नेताओं के साथ सहजता और शहबाज शरीफ की असहजता ने वैश्विक मंच पर दोनों देशों की स्थिति को स्पष्ट कर दिया. यह घटना न केवल भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाती है, बल्कि पाकिस्तान की कूटनीतिक कमजोरी को भी उजागर करती है.