Death Penalty in Saudi Arabia: एमनेस्टी इंटरनेशनल की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब में मौत की सज़ा के मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है, जो ईरान से भी आगे निकल गई है. मौत की सज़ा के मामले में दोनों खाड़ी देश शीर्ष पर बने हुए हैं.
सऊदी अरब में मृत्युदंड की बाढ़
एमनेस्टी इंटरनेशनल की सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2014 से जून 2025 तक सऊदी अरब ने 1,816 लोगों को फांसी दी है. इनमें से लगभग एक-तिहाई मामले नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों से जुड़े थे, जिनमें 75% विदेशी नागरिक थे.
अकेले जून 2025 में 46 लोगों को मृत्युदंड दिया गया, जिनमें 37 नशीली दवाओं के अपराधों से संबंधित थे. इनमें 34 विदेशी नागरिक शामिल थे, जो सऊदी के कठोर दंड कानूनों पर सवाल उठाते हैं. औसतन, हर दिन एक से अधिक व्यक्तियों को ड्रग्स से जुड़े मामलों में फांसी दी जा रही है.
ईरान में भी मृत्युदंड में तेजी
नॉर्वे स्थित ईरान मानवाधिकार संगठन (IHRNGO) के अनुसार, 2025 के पहले चार महीनों में ईरान ने 343 लोगों को मौत की सजा दी, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 75% अधिक है. अप्रैल 2025 में ही 110 लोगों को फांसी दी गई, जो इस साल का सबसे अधिक मासिक आंकड़ा है. ईरान में इजराइल के लिए जासूसी या सरकार विरोधी गतिविधियों के आरोप में कई लोगों को मृत्युदंड दिया गया है, हालांकि इनके सटीक आंकड़े अभी सामने नहीं आए हैं.
मानवाधिकार संगठनों की चिंता
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (HRC) ने जून 2025 में ईरान में बढ़ते मृत्युदंड पर चिंता जताई थी. अब सऊदी अरब की स्थिति भी गंभीर हो रही है. दोनों देशों के कठोर कानून और विदेशी नागरिकों को निशाना बनाने की प्रवृत्ति ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा है.