नेपाल में हिंसक प्रदर्शन! राष्ट्रपति आवास पर कब्जा, मंत्रियों के घरों में आगजनी, कई इस्तीफे, जानें पूरा मामला 

नेपाल की राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में सरकार विरोधी प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन भी उग्र बने हुए हैं. युवा प्रदर्शनकारियों ने हिंसा का रास्ता अपनाते हुए राष्ट्रपति के निजी आवास पर कब्जा कर लिया और वहां आगजनी की. इस हिंसा ने देश की राजनीतिक स्थिति को और अस्थिर कर दिया है.

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Nepal protest: नेपाल की राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में सरकार विरोधी प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन भी उग्र बने हुए हैं. युवा प्रदर्शनकारियों ने हिंसा का रास्ता अपनाते हुए राष्ट्रपति के निजी आवास पर कब्जा कर लिया और वहां आगजनी की. इस हिंसा ने देश की राजनीतिक स्थिति को और अस्थिर कर दिया है.

मंत्रियों के घरों पर हमला 

प्रदर्शनकारियों ने कई मंत्रियों के घरों को निशाना बनाया. सोमवार को गृह मंत्री रमेश लेखक, विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा देउबा, संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग और ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का के आवासों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आईं.

हिंसा के बाद मंत्रियों के इस्तीफों का सिलसिला शुरू हो गया. सबसे पहले गृह मंत्री रमेश लेखक फिर स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी और पीपुल्स सोशलिस्ट पार्टी के नेता व पेयजल मंत्री प्रदीप यादव ने भी अपने पद छोड़ दिए.

मंत्रियों को इस्तीफा देने का निर्देश

नेपाली कांग्रेस ने अपने सभी मंत्रियों को इस्तीफा देने का निर्देश दिया, जिसके परिणामस्वरूप उप-प्रधानमंत्री प्रकाश मान सिंह, विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा, खेल मंत्री तेजू लाल चौधरी, कानून मंत्री अजय चौरसिया, ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का, वानिकी मंत्री ऐन बहादुर शाही, स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी और पर्यटन मंत्री बद्री पांडे ने इस्तीफा दे दिया.

प्रदर्शनकारियों का गुस्सा 

हिंसक प्रदर्शनकारी संसद भवन की ओर बढ़ रहे हैं और रास्ते में लगे बैरिकेड्स को तोड़ दिया गया है. काठमांडू में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना तैनात की गई है, और प्रशासन ने राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री कार्यालय के आसपास कर्फ्यू लागू कर दिया है.

गठबंधन सरकार पर संकट

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आज शाम 6 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है. उन्होंने कहा, “मैं देश में हुई हिंसा से दुखी हूं. हिंसा राष्ट्रहित में नहीं है, और इसका समाधान शांतिपूर्ण बातचीत से ही संभव है.” ओली ने स्पष्ट किया कि वह इस्तीफा नहीं देंगे, लेकिन गठबंधन सरकार में टूट का खतरा बढ़ गया है.