26 साल बाद CBI के हत्थे चढ़ी मोनिका कपूर, अमेरिका से लाई जा रही भारत 

26 साल पहले इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट फ्रॉड कर अमेरिका फरार हुई मोनिका कपूर आखिरकार केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के हवाले हो गई है. सीबीआई ने लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद मोनिका को अमेरिका से प्रत्यर्पण कर भारत लाने में सफलता हासिल की है.

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Monica Kapoor: 26 साल पहले इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट फ्रॉड कर अमेरिका फरार हुई मोनिका कपूर आखिरकार केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के हवाले हो गई है. सीबीआई ने लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद मोनिका को अमेरिका से प्रत्यर्पण कर भारत लाने में सफलता हासिल की है. मोनिका बुधवार रात अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट से भारत पहुंचने वाली है, जहां उन्हें दिल्ली की साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा.

क्या था मोनिका कपूर का फ्रॉड?

1998 में मोनिका कपूर ने अपने भाइयों, राजन खन्ना और राजीव खन्ना, के साथ मिलकर फर्जी एक्सपोर्ट बिल, शिपिंग बिल, इनवॉइस और बैंक सर्टिफिकेट के जरिए 2.36 करोड़ रुपये के ड्यूटी-मुक्त सोने के आयात के लिए छह रिप्लेनिश्मन्ट लाइसेंस हासिल किए. इन लाइसेंस को अहमदाबाद के एक व्यापारी को मुनाफे में बेच दिया गया, जिससे सरकार को 1.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इस घोटाले ने देश की आर्थिक व्यवस्था को बड़ा झटका दिया था.

कानूनी कार्रवाई जारी 

सीबीआई ने 2004 में मोनिका और उनके भाइयों के खिलाफ IPC की धारा 120B, 420, 467, 468 और 471 के तहत चार्जशीट दायर की थी. 2017 में राजन और राजीव को दोषी ठहराया गया, लेकिन मोनिका जांच से बचती रही. 2016 में उन्हें साकेत कोर्ट ने भगोड़ा अपराधी घोषित किया, और 2010 में उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) और रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ. 

न्यूयॉर्क की एक अदालत ने भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत मोनिका के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी, हालांकि उन्होंने यातना के डर का हवाला देकर इसका विरोध किया था. भारत पहुंचने पर मोनिका को कोर्ट में पेश किया जाएगा, और इस बहुचर्चित मामले का ट्रायल शुरू होगा. सीबीआई की यह कार्रवाई आर्थिक अपराधियों के खिलाफ सख्ती का संदेश देती है.