ऐसा भी क्या एग्जाम कि देश में रोक दी गईं उड़ानें, दक्षिण कोरिया में लाखों छात्रों ने दिया सबसे कठिन टेस्ट

दक्षिण कोरिया में गुरुवार का दिन किसी राष्ट्रीय परीक्षा दिवस जैसा साबित हुआ, जब देशभर में उड़ानें रोक दी गईं, दफ्तर देर से खुले और पुलिस को सड़कों पर तैनात किया गया. वजह थी देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी एंट्रेंस परीक्षा जिसे वहां “सुन्नुंग” कहा जाता है.

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दक्षिण कोरिया में गुरुवार का दिन किसी राष्ट्रीय परीक्षा दिवस जैसा साबित हुआ, जब देशभर में उड़ानें रोक दी गईं, दफ्तर देर से खुले और पुलिस को सड़कों पर तैनात किया गया. वजह थी देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी एंट्रेंस परीक्षा जिसे वहां “सुन्नुंग” कहा जाता है. इस परीक्षा की गंभीरता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि छात्रों को शोर से बचाने और उन्हें समय पर परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने के लिए पूरा सिस्टम ठहर सा गया.

सात साल में सबसे अधिक परीक्षार्थी

इस वर्ष परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या पिछले 7 वर्षों में सबसे अधिक रही. कुल 5,54,174 परीक्षार्थियों ने आवेदन किया, जो 2019 के बाद सबसे बड़ा आंकड़ा है. इनमें से अधिकांश छात्र वर्ष 2007 में जन्मे थे—वह साल जिसे दक्षिण कोरिया में बच्चों के जन्म के लिए शुभ माना गया था. इसी कारण उस वर्ष जन्मदर में अस्थायी बढ़ोतरी हुई थी, और वही पीढ़ी अब यूनिवर्सिटी प्रवेश के संघर्षपूर्ण दौर से गुजर रही है.

क्यों रोक दी गईं उड़ानें?

परीक्षा का सबसे संवेदनशील भाग अंग्रेजी खंड है, जिसमें सुनने की क्षमता का परीक्षण किया जाता है. इस खंड के दौरान कोई भी शोर छात्रों के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है. इसलिए, सरकार ने इंचियोन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे सहित देश भर के सभी हवाई अड्डों पर दोपहर 1:05 बजे से 1:40 बजे तक उड़ान भरने और उतरने पर रोक लगा दी है.

इस निर्णय का सीधा प्रभाव 140 उड़ानों पर पड़ा, जिनमें 65 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शामिल थीं. कई विमान हवाई अड्डों के ऊपर चक्कर लगाते रहे क्योंकि 3,000 मीटर (9,843 फीट) से कम ऊंचाई पर उड़ान भरने पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया था.

भविष्य तय करने वाला एग्जाम

यह परीक्षा लगभग 9 घंटे तक चलती है और इसे दक्षिण कोरिया की प्रतिस्पर्धी शिक्षा व्यवस्था में सफलता का सबसे निर्णायक कदम माना जाता है. इसलिए परीक्षा वाले दिन पूरे देश का ढांचा बदल जाता है. दफ्तर और वित्तीय बाजार एक घंटे देर से खुलते हैं, ताकि यातायात में भीड़ न हो और छात्र आसानी से परीक्षा केंद्र पहुंच सकें.

माता-पिता भी इस परीक्षा को उतनी ही गंभीरता से लेते हैं. CNN की रिपोर्ट के अनुसार, एक परीक्षार्थी की मां येयेसोन किम ने कहा, “यह परीक्षा पिछले लगभग 20 वर्षों से हमारा लक्ष्य रही है और अब हमारी जिंदगी की एक नई शुरुआत भी है.”

जनसंख्या संकट के बीच बढ़े परीक्षार्थी

दक्षिण कोरिया दुनिया के सबसे तेजी से उम्रदराज होते देशों में गिना जाता है. लगातार गिरती जन्मदर चिंता का विषय रही है. हालांकि 2024 में कुछ सुधार देखने को मिला और जन्मदर बढ़कर 0.75 हो गई. लेकिन 2007 में पैदा हुए बच्चों की अपेक्षाकृत बड़ी पीढ़ी के कारण इस साल परीक्षार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज हुई.